कुल्लू। जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के मलाणा में बिजली परियोजना चरण-दो के बांध का खतरा अभी भी बरकरार है। कभी भी मलाणा डैम-2 का पानी तबाही मचा सकता है। भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड की टीम आज मलाणा में बिजली परियोजना चरण दो के बांध पहुंचेगी और गेट को खोलने का प्रयास किया जाएगा।
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एनडीआरएफ की टीम, डैम मैनेजमेंट के कर्मचारी संयुक्त रूप से डैम के गेटों में आई तकनीकी खराबी को बहाल करने में लगे हुए हैं। एनडीआरएफ की टीम द्वारा पर्वतारोहण उपकरण की मदद से डैम के कंट्रोल रूम तक पहुंच बनाने के लिए बेस बनाया गया है।
इसकी मदद से डैम के इंजीनियर एवं मजदूरों को अति कठिन व जोखिम भरी स्थिति में डैम के कंट्रोल रूम तक पहुंचाया जा रहा है। मलाणा डैम-2 के इलाके में लगातार बारिश होने व डैम के बढ़े हुए जलस्तर के कारण डैम की बहाली में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
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पिछले चार दिन से डैम के ऊपर से पानी बह रहा है। अभी तक मैनुअल तरीके से गेट को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। लगातार बांध से ओवरफ्लो होकर बांध के गेट के उपर से पानी बह रहा है। खतरे को भांपते हुए जिला प्रशासन ने अब बीबीएमबी की टीम को बुलाया है।
हालांकि, डैम में पहले दिन पानी की मात्रा अब घटकर 30 क्यूसेक रह गई है। बांध के किनारे से पानी बह रहा है। ऐसे में घबराने की बात नहीं है। डैम फटने की संभावना को देखते हुए नीचे के क्षेत्र को अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि कुछ गाद को हटाया गया। जिला कुल्लू प्रशासन सतर्क है।
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दो दिन से एनडीआरएफ की टीम भी वहां पर तैनात है, लेकिन बांध में गाद से फंसे गेट को खोलने में वह भी असमर्थ है। 24 जुलाई को बांध के ऊपर से पानी बहने लगा था।
इसके बाद परियोजना प्रबंधन ने बांध के गेट को खोलने का प्रयास किया लेकिन इसमें परियोजना की तकनीकी टीम सफल नहीं हो पाई इसके बाद दूसरे दिन एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। वह भी बांध में जमा हुई गाद के कारण बांध के गेट को खोलने में असमर्थ रही।
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ऐसे में अब बांध में एकत्र हुआ पानी परियोजना सहित प्रशासन के लिए परेशानी बना हुआ है। हालांकि एहतियात के तौर पर चार दिन पहले से ही अलर्ट जारी कर दिया गया है।
इसमें पार्वती घाटी सहित लारजी और पंडोह डैम के अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा गया है। बांध के गेट कैसे खोले जाएं इसका लगातार प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई विकल्प सामने नहीं आया है।
डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने कहा कि आज बीबीएमबी की टीम को मलाणा बुलाया गया है। खतरे को देखते हुए एनडीआरएफ की तकनीकी टीम को तैनात किया गया है।
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