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मॉक ड्रिल : अचानक बढ़ा पौंग डैम का जलस्तर, तीन गांव आए चपेट में-बचाव कार्य जारी

बाढ़ और भूस्खलन आपदा तैयारियों की जांच को किया अभ्यास

फतेहपुर। कांगड़ा जिला में बाढ़ और भूस्खलन आपदा तैयारियों की जांच के लिए मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिले में चिन्हित 7 स्थलों पर मेगा मॉक अभ्यास किया गया। पालमपुर उपमंडल के सौरव वन विहार में मॉक ड्रिल का आयोजन किया। काल्पनिक आपदा के रूप में मनाली में ग्लेशियर गिरने से पौंग बांध का जल स्तर बढ़ने से खटियाड़ पंचायत के तीन गांव पौंग डैम की चपेट में आ गए, जिससे क्षेत्र में हाहाकार मच गया।

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पौंग डैम जल क्रीड़ा के प्रांगण में रेस्क्यू के लिए टेंट की व्यवस्था की। जैसे हो क्षेत्र में आपदा की खबर पहुंची आपदा मित्र मौके पर राहत कार्यों में जुट गए। सायरन वाली गाड़ियां, विभागों की गाड़ियां व स्वाथ्य विभाग की एबुलेंस भी मौके पर पहुंची।

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जिला के साथ-साथ फतेहपुर प्रशासन व एनडीआरएफ टीम (नूरपुर) के सौजन्य से आज वीरवार को पौंग डैम पर मॉक ड्रिल हुई। संबंधित टीम द्वारा बाढ़ से बचाव बारे जिन उपकरणों व अन्य सामनों का प्रयोग किया गया, उसको भी यहां प्रदर्शित किया गया। पौंग डैम के मॉक ड्रिल की विभिन्न गतिविधियां करवाई गई। एसडीएम फतेहपुर भारती ने ड्रिल का अवलोकन किया।

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एसडीएम ने बताया कि जब भी कोई आपदा या बाढ़ जैसी कोई स्थिति उत्पन्न होती है। उस समय एनडीआरएफ की टीम और जिला व स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कार्य किया जाता है। मॉक ड्रिल में अग्निशमन विभाग, जल शक्ति विभाग फतेहपुर, सिंचाई विभाग, स्वास्थ्य विभाग, रेडक्रॉस, पीडब्ल्यूडी , एसवाईएल के साथ-साथ अन्य विभागों के जो भी कार्य हैं, उसे भी यहां पर दिखाने का काम किया गया।

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मॉक ड्रिल के दौरान अनाउंसमेंट कर बताया गया कि पौंग बांध का जलस्तर बढ़ने के कारण पानी के तेज बहाव से खटियाड़ पंचायत के पौंग बांध के साथ लगते अठाईस लोगों और उनके तीन मवेशी बह गए हैं, जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई है ।आपदा मित्रों ने 28 लोगों को बचाया। सुनामी व बाढ़ आने से पीने का पानी की सप्लाई बाधित हो चुकी थी, फिर आपातकालीन स्थिति में जल शक्ति विभाग फतेहपुर के अधिशाषी अभियंता विपिन लुणा, सहायक अभियंता विनय डोगरा व कनिष्ठ अभियंता पंकज शर्मा ने मोर्चा संभालते हुए हुए बाधित हो चुकी पानी की सप्लाई को पानी के टैंक से नल लगाकर अस्थाई तौर बहाल किया।

स्टेट सीआईडी से मोहन सिंह पठानिया भी इस आपताकालीन स्थिति में अपनी पूरी भूमिका निभाते हुए नजर आए, जहां पल-पल की जानकारी वो अपने आलाधिकारी को देते हुए नजर आए। संसाधनों की कमी के साथ-साथ क्षेत्र में किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए स्पष्ट कार्ययोजना की कमी दिखी। वहीं एनडीआरएफ की टीम दो घंटे देरी से पहुंची। प्रशासन ने मॉक ड्रिंल की शुरूआत दो घंटे पहले ही कर दी थी। अपातकालीन स्थिति में दो घंटे तक एनडीआरएफ टीम का इंतजार करना पड़ा। आखिर दो घंटे के बाद टीम पहुंची और उसके बाद दस अन्य लोगों को बाहर निकाला गया।

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