दिसंबर 2021 का है मामला
शिमला। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/बलात्कार, शिमला, अमित मंडयाल की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी करार दिया है।
दोषी को 20 साल के कठोर कारावास और 25,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आईपीसी की धारा 506 के तहत 6 महीने के कठोर कारावास व 1,000 रुपए जुर्माना की सजा भी सुनाई गई है। साथ ही 2 लाख रुपए का मुआवजा भी जारी किया गया।
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मामला दिसंबर 2021 का है। 3 दिसंबर 2021 जब पीड़िता स्कूल जा रही थी तो दोषी (जो रिश्ते में उसका नाना लगता था) ने उसके साथ जंगल में बलात्कार किया और किसी को बताने पर मार डालने की धमकी दी।
12 दिसंबर 2021 को फिर से दोषी ने करीब 8 बजे शाम को अपने घर में जबरदस्ती खींच कर पीड़िता के साथ 2 बार बलात्कार किया। जब पीड़िता की माता उसको चैकअप के लिए अस्पताल ले गई तो मालूम हुआ कि वह 6 महीने से गर्भवती है।
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इन तथ्यों के आधार पर पुलिस स्टेशन चिड़गांव में आईपीसी की धारा 376, 506 और POCSO अधिनियम की धारा 6 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। मुकदमें के दौरान, अभियोजन पक्ष ने इस मामले को साबित करने के लिए 17 गवाहों की जांच की और मुकदमे के समापन पर दलीलें सुनी गईं।
विशेष न्यायाधीश, शिमला की अदालत ने आरोपी को उपरोक्त कथित अपराध के लिए दोषी ठहराया। अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व उप जिला न्यायवादी संगीता जस्टा द्वारा किया गया।
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