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धार्मिक के बाद अब HRTC अस्पताल सर्किट बस सेवा भी होगी शुरू

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने दी जानकारी
शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC)  ने अपनी तीसरी धार्मिक स्थल बस सेवा शुरू कर दी है। बस शिमला से श्री माता भंगायणी (हरिपुरधार) होते हुए लाणी बोराड़ तक जाएगी। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला आईएसबीटी से बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
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हरिपुर धार भंगायणी मंदिर के लिए सुबह साढ़े पांच बजे शिमला के ढली से बस चलेगी, जो सोलन, राजगढ़, भंगायणी मंदिर होते हुए शिलाई जाएगी। इसी तरह से वापसी करेगी।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि HRTC अस्पताल सर्किट बस सेवा चलाने पर भी सरकार विचार कर रही है,  ताकि जो लोग पीजीआई, एम्स दिल्ली या प्रदेश के आईजीएमसी व टांडा में इलाज के लिए जाना चाहते हैं, उन लोगों को एचआरटीसी अपनी सेवाएं प्रदान कर सके। बहुत जल्द अस्पतालों के लिए भी बस सेवा शुरू की जाएगी।
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उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की मकसद से परिवहन निगम (HRTC) धार्मिक स्थलों के लिए बस सेवाएं चलाने का लगातार प्रयास कर रहा है। इससे पहले धर्मशाला से चिंतपूर्णी, ज्वाला जी और राजस्थान के खाटू श्याम के लिए भी एचआरटीसी दो दर्शन सर्किट बस शुरू कर चुका है।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवों की भूमि है, ऐसे में प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों से शक्तिपीठों में दर्शन करने के लिए लोग पहुंचते हैं। भविष्य में अमृतसर, ब्यास, हरिद्वार और अयोध्या सहित अन्य धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए बस सेवा शुरू करने का सरकार विचार कर रही है।
अभी तक एचआरटीसी तीन बसें धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए चला चुका है जिसके बेहद अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। भविष्य में भी यह सिलसिला इसी तरह से जारी रहेगा।

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जुलाई माह में आ रहे हैं ये व्रत व त्योहार, एक बार देख लीजिए लिस्ट

हिन्दू पंचांग के अनुसार हर महीने कई व्रत और त्योहार आते हैं जो धार्मिक दृष्टि से बेहद ही खास होते हैं। जुलाई माह में सावन, कांवड़ यात्रा, मासिक शिवरात्रि और संकष्टी चतुर्थी जैसे कई त्योहार आते हैं। देवों के देव महादेव के सबसे प्रिय माह सावन की शुरुआत इस वर्ष चार जुलाई यानी मंगलवार से हो रही है। आइए आपको बताते है कि जुलाई में कौन से व्रत व त्योहार आने वाले हैं …

सावन का पहला सोमवार व्रत (10 जुलाई, सोमवार)

सावन मास के पहले सोमवार का व्रत 10 जुलाई को किया जाएगा। मलमास या पुरुषोत्तम मास की वजह से इस बार सावन मास में चार नहीं बल्कि आठ सोमवार का व्रत किया जाएगा। साथ ही इस दिन रवि योग बन रहा है और पंचक काल भी खत्म हो रहा है। सावन सोमवार के दिन भगवान शिव को जल का अभिषेक और बेलपत्र चढ़ाने मास से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

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कामिका एकादशी व्रत (13 जुलाई, गुरुवार)

सावन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी कहा जाता है। कामिका एकादशी का व्रत और शंख चक्र गदाधारी भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और भगवान अपने भक्तों की सभी कामनाओं को पूरा करते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के सामने घी या तिल का दीपक जलाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

सावन शिवरात्रि और शनि प्रदोष व्रत (15 जुलाई, शनिवार)

सावन मास की शिवरात्रि के दिन शनि प्रदोष का व्रत भी किया जाएगा। हर वर्ष सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। साल में 12 शिवरात्रि आती हैं लेकिन फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि और सावन मास की शिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना और उपवास करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही शनिदेव के दर्शन और शनि चालीसा का पाठ करने से शनि के अशुभ प्रभाव में कमी आती है।

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हरियाली अमावस्या, सोमवती अमावस्या (17 जुलाई, सोमवार)

सावन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। यह तिथि सोमवार के दिन पड़ रही है, इस वजह से इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जाएगा। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध कर्म किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ हवन, जप तप व साधना करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और हर कष्ट दूर हो जाता है।

सावन मलमास या पुरुषोत्तम मास (18 जुलाई, मंगलवार)

सावन मास में मलमास या पुरुषोत्तम मास की शुरुआत हो रही है, जिस वजह से सावन एक नहीं बल्कि दो मास का हो रहा है। यह मास भगवान विष्णु को समर्पित है और सावन में मलमास लगने से हरि और हर की कृपा प्राप्त कर सकेंगे। जिस चंद्र मास में सूर्य का गोचर नहीं होता है अर्थात संक्राति नहीं होती है, उस मास को मलमास या पुरुषोत्तम मास कहते हैं। इस मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। मलमास या पुरुषोत्तम मास भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने और ध्यान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं।

पुरुषोत्तमा एकादशी (29 जुलाई, शनिवार)

अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पद्मिनी या पुरुषोत्तमा एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और धन व वैभव की प्राप्ति होती है। अधिकमाल भगवान विष्णु को समर्पित है और इस मास में एकादशी तिथि का होना बहुत शुभ फलदायी माना गया है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है।

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