2012 में लड़ा था पहला विधानसभा चुनाव
शिमला। हिमाचल के कांगड़ा जिला को एक और मंत्री मिला है। जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र को पहला मंत्री मिल गया है। जयसिंहपुर के विधायक यादविन्द्र गोमा को मंत्री बनाया है। उन्होंने आज मंत्री पद की शपथ ली। राजगीर से जयसिंहपुर तक के सफर में गोमा परिवार का योगदान प्रमुख रहा है। अगर ऐसा कहें कि जयसिंहपुर (पहले राजगीर) में पिछले 41 साल में कांग्रेस की राजनीति का केंद्र गोमा परिवार ही रहा है।
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यादविन्द्र गोमा के पिता मिल्खी राम गोमा तीन बार विधायक रहे हैं। मिल्खी राम गोमा 1982, 1985 और 1993 में राजगीर (अब जयसिंहपुर) विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं। 1998, 2003 और 2007 में राजगीर में भाजपा कब्जा रहा और कांग्रेस हाशिए पर चली गई। कैप्टन आत्मा राम विधायक रहे।
2012 में राजगीर विधानसभा क्षेत्र का नाम बदला और सत्ता भी बदली।
डीलिमिटेशन के बाद राजगीर विधानसभा क्षेत्र जयसिंहपुर बन गया। हाशिए पर चली रह कांग्रेस को भी संजीवनी मिली। विधानसभा क्षेत्र के राजगीर से जयसिंहपुर होने के साथ यादविन्द्र गोमा ने पिता की विरासत संभाली और कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा। यादविन्द्र गोमा चुनाव जीते और कांग्रेस का सूखा भी खत्म हुआ। 2017 में यादविन्द्र गोमा चुनाव हार गए। 2022 में फिर चुनाव जीते। इस बार चुनाव जीतने का उन्हें बड़ा तोहफा मिला और मंत्री बने हैं।
साइड स्टोरी : राजगीर से जयसिंहपुर के साथ पिता की संभाली विरासत, अब यादविन्द्र गोमा बने मंत्री
यादविन्द्र गोमा का जीवन परिचय
यादविन्द्र गोमा का जन्म 4 फरवरी, 1986 को पालमपुर, जिला कांगड़ा हुआ। माता का नाम विद्या देवी है। इन्होंने बीटेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) तथा आईईईटी बद्दी से एमबीए की शिक्षा ग्रहण की। इनका विवाह नीलम गोमा से हुआ। इनकी एक पुत्री है।
यादविन्द्र गोमा वर्ष 2010-2015 तक जयसिंहपुर निर्वाचन क्षेत्र से युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। वर्ष 2011 से 2014 तक राज्य राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के महासचिव और वर्ष 2019-2021 तक हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रहे।
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वर्ष 2012 में गोमा प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए और दिसंबर, 2022 में पुनः निर्वाचित हुए। वह अधीनस्थ विधान समिति के अध्यक्ष और कल्याण एवं नियम समितियों के सदस्य के रूप में मनोनीत किए गए।
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