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VVIP नंबर की फर्जी बोली लगाने वालों की खैर नहीं, दर्ज होगी FIR

भविष्य में ऐसी घटना को अंजाम नहीं दे सकेंगे फर्जी लोग

शिमला। वीवीआईपी नंबर HP-99-9999 के लिए करोड़ों रुपए की फर्जी बोली लगाने वाले तीनों फर्जी बोलीदाताओं के खिलाफ सरकार एफआईआर दर्ज करेगी। यह बात हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कही। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार कार्रवाई कर ऐसी नजीर पेश करेगी, जिससे आने वाले समय में फर्जी बोलीदाता भविष्य में ऐसी घटना को अंजाम नहीं दे सकेंगे।

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उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के पास परिवहन विभाग है, ऐसे में पहले ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार इन फर्जी बोलीदाताओं पर बड़ी कार्रवाई कर सकती है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पोर्टल को फिलहाल सस्पेंड किया गया है। इस पोर्टल में कमियों को दूर करने के बाद से फिर शुरू किया जाएगा, लेकिन इससे पहले सरकार फर्जी बोलीदाताओं पर कार्रवाई करेगी। सरकार पहले ही इन फर्जी बोलीदाताओं का पता लगाएगी और इसके बाद उन पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी ताकि भविष्य के लिए एक उदाहरण स्थापित हो सके।

17 फरवरी को हुई थी ऑनलाइन बीडिंग

17 फरवरी को वीवीआईपी नंबर की ऑनलाइन बीडिंग हुई। इस वीआईपी नंबर के लिए करोड़ों रुपए की बोली लगी। वीवीआईपी नंबर HP-99-9999 खरीदने के लिए एक करोड़ 1 करोड़ 12 लाख 15 हजार 500 रुपए की बोली लगाई थी। दूसरे बोली दाता नाम संजय कुमार ने 1 करोड़ 11 हजार रुपए की बोली लगाई थी। संजय कुमार ने ऑनलाइन बिडिंग में अपना पता ब्लॉक नंबर वन, हाउस नंबर 2, होटल पीटरहॉफ शिमला भरा था, जबकि देशराज ने अपना पता थाना 192, तहसील बद्दी, जिला सोलन भरा था। तीसरे बोली दाता धर्मवीर सिंह ने अपना पता वार्ड नंबर 4, गांव कंडवाल, तहसील नूरपुर, जिला कांगड़ा भरा था।

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30 फीसदी राशि जमा करवाने का दिया था समय

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी कोटखाई में वीवीआईपी नंबर HP-99-9999 की ऑनलाइन बिडिंग हुई। इस बिडिंग में कुल 26 लोगों ने भाग लिया। कुल 26 में से तीन लोगों ने इस नंबर के लिए एक करोड़ से ज्यादा की बोली लगाई। बोली एक करोड़ के पार जाते ही यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। प्रदेश के साथ ही देश भर में वीवीआईपी नंबर HP-99-9999 की खरीद के लिए करोड़ों रुपए चुकाने की चर्चा होने लगी, लेकिन अब तीनों बोली दाता फ्रॉड निकले। तीनों में से किसी भी बोलीदाता ने कुल राशि का 30 फीसदी अमाउंट जमा नहीं करवाया।

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हिमाचल : VVIP नंबर के लिए करोड़ों की बोली निकली फर्जी, परिवहन विभाग का पोर्टल सस्पेंड

सॉफ्टवेयर अपडेट होने के बाद नए तरीके से लगेगी बोली

शिमला। हिमाचल में हाल ही में वाहनों के VVIP नंबर के लिए लगी बोली काफी चर्चा में रही। स्कूटी के नंबर को लेकर करोड़ों की बोलियां लगीं जिसकों देखकर हर कोई हैरान था, लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही निकली। ये बोलियां पूरी तरह फर्जी निकलीं। करोड़ों की तीन बोलियां लगीं और ये तीनों फर्जी निकली। मामले की सच्चाई पता लगते ही हिमाचल परिवहन विभाग ने तुरंत एक्शन लिया और VVIP फैंसी नंबर पोर्टल को सस्पेंड कर दिया।

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इसके कारण फिलहाल वाहन मालिक अपनी गाड़ियों के लिए VVIP नंबर नहीं खरीद सकेंगे। इसके अलावा पोर्टल में कुछ नए बदलाव व अपग्रेडशन किए जा रहे हैं। इसके लिए परिवहन विभाग ने  (नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर) को पोर्टल में सुधार करने के लिए कहा है। सॉफ्टवेयर अपडेट होने के बाद नए तरीके से बोली लगेगी।

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गौर हो कि भारत सरकार के परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वेबसाइट पर हाल ही में स्कूटी के VVIP नंबर की बोली शुरू हुई थी। जिस HP-99-9999 नंबर के लिए यह बोली शुरू हुई थी। यह बोली 1 करोड़ 11 हजार रुपए पहुंच चुकी थी। तीन आवेदनकर्ताओं ने करोड़ों रुपए की बोली लगाई, लेकिन बोली लगाने वाले लोग फर्जी निकले। इनके एड्रेस भी फर्जी पाए गए। परिवहन विभाग के अतिरिक्त निदेशक हेमिस नेगी का कहना है कि VVIP नंबर में फर्जी तरीके से 1 करोड़ से अधिक की बोली लगाई गई। जांच करने पर वह फर्जी निकली।

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परिवहन विभाग की नई व्यवस्था में VVIP नंबर की बोली लगाने के लिए रिजर्व प्राइस की 30 प्रतिशत राशि बिडिंग में भाग लेने से पहले ही जमा करवानी होगी। यदि सबसे ज्यादा बोलीदाता बोली लगाने के बाद नंबर को नहीं खरीदता है तो उसकी 30 फीसदी राशि जब्त हो जाएगी और नंबर दोबारा से पब्लिक डोमेन में चला जाएगा। वहीं, अन्य बोलीदाताओं की 30 प्रतिशत राशि वापस हो जाएगी। जब तक यह व्यवस्था NIC की ओर से तैयार नहीं की जाती है, तब तक परिवहन विभाग का फैंसी नंबर पोर्टल बंद रहेगा।

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