उत्तर प्रदेश के बदायूं क्षेत्र का है मामला
बदायूं। अगर आप यह सोचते हैं कि किसी चूहे या छोटे जानवर को आप कभी भी और कैसे मार सकते हैं और आप पर कोई कार्रवाई नहीं होगी तो आप गलत हैं। ऐसा सोचने वाले इस खबर को जरूर पढ़ लें। ऐसे ही एक व्यक्ति को चूहे को निर्मम तरीके से मारना भारी पड़ गई और हत्या के आरोप में सलाखों के पीछे पहुंच गया।
जी हां यह मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं क्षेत्र का है। यहां एक व्यक्ति पर चूहे की हत्या करने के मामले में आईपीसी की धारा 429 और पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (1)(L) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामला कल्याण नगर निवासी विकेंद्र शर्मा की शिकायत पर थाना कोतवाली बदायूं में दर्ज हुआ है। मामले में चूहे का आईवीआरआई में पोस्टमार्टम भी करवाया गया है। मामला 24 नवंबर का है। शिकायतकर्ता विकेंद्र शर्मा ने मामले के बारे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर खुद जानकारी है। साथ ही शिकायत और एफआईआर की कापी भी शेयर की है।
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क्या है मामला
कल्याण नगर निवासी विकेंद्र शर्मा ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि जब वह गांधी ग्राउंड की ओर बिजली घर की ओर आ रहे थे तो एक व्यक्ति वहां पर बनी पुलिया के पास अपने बच्चों के साथ बैठा था। वह एक चूहे को उसकी पूछ पर पत्थर बांधकर नाले में डूबाकर मार रहा था। उन्होंने उसे ऐसा करने से मना किया। तब चूहा जिंदा था। जब उन्होंने उसे निकालने के लिए कहा तो उसने उसे नाले में फेंक दिया।
उन्होंने चूहे को जैसे तैसे नाले के बाहर निकाला। पर बाहर आते ही चूहे ने दम तोड़ दिया। उस आदमी ने अपना नाम मनोज कुमार बताया। कहा कि मैं ऐसे ही मारता हूं ओर आगे भी ऐसे ही मारूंगा, जो करना हो कर लेना। उन्होंने पनवडिया बिजली घर निवासी मनोज कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने मरे चूहे को कोतवाली में दिया।
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आईपीसी की धारा 429 की बात करें तो किसी जानवर की हत्या करना या अपाहिज करने को अपराध बनाती है। धारा के अनुसार अगर किसी जानवर की हत्या की जाती है, उसे जहर दिया जाता है या फिर अपाहिज किया जाता है, तो दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की कैद या जुर्माना हो सकता है। वहीं कैद और जुर्माना दोनों की सजा भी हो सकती हैं।
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शुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (1)(L) के तहत अगर कोई जानवर के हाथ पैर काटता है या बिना वजह की क्रूर तरीके से हत्या करता है तो तीन माह कैद या जुर्माना हो सकता है। दोनों सजाएं भी हो सकती हैं।
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