काजा। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के स्पीति में पिन घाटी से भावा दर्रा की तरफ भारी बारिश और बर्फबारी के कारण फंसे हुए 12 गद्दी समुदाय के लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। यह जानकारी एडीसी लाहौल-स्पीति राहुल जैन ने दी है।
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही फंसी हुई 1200 भेड़-बकरियों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने निरीक्षण किया तो करीब 400 भेड़ों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 भेड़ें अभी लापता हैं।
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चंद्रताल में फंसे हुए एक गद्दी को छोड़ कर सभी गद्दी समुदाय के लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। 14 जुलाई को स्थानीय लोगों की मदद से एक रेस्क्यू टीम कुजुंम टॉप और चंद्रताल में फंसे लोगों को चारा, दवाईयां और राशन मुहैया करवाया गया।
दूसरी टीम जोकि पिन घाटी में सगनम घाटी में फंसे हुए रूपी गांव जिला किन्नौर के गद्दियों को समूह को रेस्क्यू करने के लिए गई थी उनको यहीं पर सूचना मिली कि 8 और गद्दी फंसे हुए थे। उन्हें दवाइयां राशन और चारा मुहैया करवाया गया।
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वहीं, तीसरी रेस्क्यू टीम मुद गांव से सुबह चार बजे लापता हुए छह गद्दियों को ढूंढने के लिए रवाना हुई जोकि रामपुर क्षेत्र के गांव कूट से संबध रखते थे। मूद से 17 किलोमीटर दूर भावा पास के नजदीक दो नालों के बीच में 1100 के करीब भेड़-बकरियां फंसी हुई थी। इसके बाद रेस्क्यू टीम ने नालों के प्रवाह को बदला और भेड़ बकरियों को रेस्क्यू किया।
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करीब चार घंटे बाद सारे गद्दी मूद गांव के पास पहुंच पाए। 15 जुलाई को एसडीएम हर्ष नेगी ने स्वयं मौके का निरीक्षण किया। बड़ा बल्दर में छोटा पुल पूरी तरह टूट चुका है। इस वजह से 1500 से 2000 भेड़-बकरियां फंसी हुई है। शाहा में पुल टूट चुका है जिसकी मरम्मत तुरंत की जानी है।
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