सीएम सुखविंदर सुक्खू ने मंडी मीटिंग की अध्यक्षता की
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रशासनिक सचिवों के साथ आज यहां मंडे मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिमाचल सरकार द्वारा आयोजित पहली राजस्व लोक अदालत से अब तक 65000 से अधिक इंतकाल के मामलों का निपटारा किया गया है। इनमें से 11420 इंतकाल के मामले और 1217 तकसीम के मामले इस वर्ष 4 और 5 जनवरी को आयोजित तीसरी राजस्व लोक अदालत में निपटाए गए।
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उन्होंने कहा कि अगली राजस्व लोक अदालतें 30 और 31 जनवरी को आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि तकसीम के मामलों की निपटान दर 200 प्रतिशत दर्ज की गई है। 3 दिसंबर, 2023 से 5 जनवरी, 2024 तक तकसीम के 1823 नए मामले निपटारे के लिए आए जबकि इस अवधि में तकसीम के 3544 लंबित मामलों का निपटारा किया गया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार लंबित राजस्व मामलों को समयबद्ध निपटाने को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है, जिससे राजस्व लोक अदालतों को लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को घर-द्वार पर गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल आने वाले पर्यटकों को सहज और यादगार अनुभव प्रदान करने के लिए बुनियादी पर्यटन ढांचे को विकसित करने पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है।
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उन्होंने हिमाचल सरकार के सभी पर्यटन होटलों, हिमाचल भवन, हिमाचल सदन और विभिन्न विभागों के विश्राम गृहों में क्यूआर कोड आधारित ऑनलाइन भुगतान की सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को पर्यटकों को दी जाने वाली सेवाओं में और सुधार सुनिश्चित करने को भी कहा।
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ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना का पहला चरण शुरू किया है, जिसमें राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए ई-टैक्सी परमिट की पेशकश की गई है।
उन्होंने प्रदेश के विभिन्न स्थानों में स्थापित किए जा रहे ई-चार्जिंग स्टेशनों की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य के स्वच्छ पर्यावरण को संरक्षित करने और 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्टार्ट-अप योजना के दूसरे चरण में युवाओं को स्वरोजगार उद्यम शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इसके तहत युवा 100 किलोवाट, 200 किलोवाट और 500 किलोवाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित कर सकेंगे।
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योजना के तहत लाभार्थी को जमानत राशि के रूप में मात्र 10 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा जबकि 70 प्रतिशत बैंक ऋण की सुविधा सरकार द्वारा दी जाएगी तथा 30 प्रतिशत इक्विटी भी सरकार उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने इस स्टार्ट-अप योजना के तहत किसानों को न्यूनतम आय देने के लिए योजना बनाने के निर्देश भी दिए।
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ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विभिन्न विभागों की महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए उन्हें समयबद्ध पूरा करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव परिवहन आर.डी. नजीम और सचिव एम. सुधा देवी, सी. पॉलरासु, प्रियतु मंडल तथा सचिव कानून शरत कुमार लगवाल सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।