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हिमाचल : गांजा के साथ पंजाब और यूपी के पांच युवक गिरफ्तार, स्विफ्ट में थे सवार

केलांग पुलिस स्टेशन में मामला हुआ है दर्ज

 

केलांग। हिमाचल के लाहौल स्पीति जिला में पंजाब और यूपी के 5 युवकों को गांजा के साथ गिरफ्तार किया है। बता दें कि 16 जनवरी 2024 को शाम करीब सवा चार बजे पुलिस थाना केलांग की टीम नेशनल हाईवे-3 (NH-03) डालंग मोड़ पर नाकाबंदी ड्यूटी पर थी। नाकाबंदी ड्यूटी के दौरान हेड कांस्टेबल कैलाश गुलेरिया ने अपने साथ मौजूद अन्य पुलिस कर्मियों के साथ मनाली से केलांग की ओर आ रही स्विफ्ट गाड़ी HR01AP7173 को चैकिंग के लिए रोका।

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चैकिंग के दौरान कार में सवार युवक निखिल बरुआ (32) पुत्र सपन बरुआ निवासी एचएनओ 853, आरए फार्म शिवालिक विहार छोटी कर्रोरन, तहसील खरड़ एसएएस नगर पंजाब, सुमित (23) पुत्र सतीश कुमार निवासी फेज़-1 गोकुलेशपुरम निकट देवसैनी तहसील क्वार्सी कोली अलीगढ यूपी, अजय कुमार (24) पुत्र मोहन लाल निवासी गली नंबर 07, वार्ड नंबर 10 तहसील संत बाबा भाग सिंह नगर, मॉडल टाउन, जिला होशियारपुर, पंजाब, अभिनव ठाकुर (25) पुत्र राजिंदर सिंह निवासी एचएनओ 1259सी अर्सेडिया कंट्री होम्स खरड़, जिला एसएएस नगर पंजाब, राहुल बरुआ (24) पुत्र संदीप बरुआ निवासी मकान नंबर 112 ट्रिब्यून कॉलोनी कंसल तहसील खरड़ एसएएस नगर पंजाब एक ग्रे रंग के बटुए को अपनी कार में छुपाने लगे।

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जिस पर संदेह होने पर हेड कांस्टेबल कैलाश गुलेरिया नंबर 05 ने स्वतंत्र गवाह के सामने उपरोक्त बटुए की जांच की। जांच के दौरान बटुए के अंदर प्लास्टिक से लिपटा हुआ 44 ग्राम गांजा बरामद हुआ। पुलिस थाना केलांग में मामला दर्ज कर पांचों युवकों को गिरफ्तार कर लिया।

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हिमाचल में भांग की खेती लीगल करेगी कांग्रेस सरकार, पॉलिसी की तैयारी

शिमला। हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को लीगल करने की मांग लंबे अरसे से होती रही है। विपक्ष में रहते कुछ कांग्रेस विधायक समय समय पर इसकी मांग उठाते रहे हैं और हाईकोर्ट में भी पीआईएल के माध्यम इसको लीगल करने को लेकर मामला उठाया गया है। कांग्रेस पार्टी अब सत्ता में आ चुकी है और भांग की खेती को लीगल करने के लिए पॉलिसी बनाने जा रही है। कुल्लु से विधायक और सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पंजाब की तर्ज पर भांग की खेती के लिए पॉलिसी बनाए जाने का दावा कर रहे हैं।

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सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा है कि भांग की खेती को औद्योगिक उद्देश्य से लीगल करने के लिए पॉलिसी बनाने के हाई कोर्ट दो बार पूर्व सरकार को अंतरिम आदेश भी दे चुकी है लेकिन पूर्व सरकार ने इसमें कोई काम नहीं किया। भांग का प्रयोग कई तरह की दवाइयों, कपड़ों, जैकेट, रेशा इत्यादि को बनाने के लिए किया जा सकता है। कैंसर, ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी की दवाइयां भाग से बनती है।

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भांग के पौधे से नशे का एलिमेंट निकाल कर इसे औषधीय, हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट के उत्पादों को बनाया जा सकता है। भांग की खेती से लोगों की आय के साधन भी बनेंगे वहीं औषधीय प्रयोग में भी लाया जा सकेगा। इजराइल ने भांग की औषधीय गुणों को साबित करते हुए कोविड की दवाइयां भी भांग से बनाई है। इसलिए हिमाचल सरकार इसके लिए पॉलिसी लेकर आएगी और अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल में भी भांग की खेती को लीगल किया जाएगा।

प्रदेश में बढ़ रहे कर्ज के बोझ को उतारने के लिए भांग की खेती से सालाना 18,000 करोड़ रुपये आ सकते हैं। हिमाचल प्रदेश में अनुमानित 2,400 एकड़ में भांग की संगठित अवैध खेती हो रही है। राज्य से हर साल 960 करोड़ रुपये मूल्य की चरस की तस्करी की जाती है और इसे पश्चिमी यूरोपीय और स्कैंडिनेवियाई देशों में भेजा जाता है, जबकि इजराइल में मलाणा क्रीम की मांग है।

परंपरागत रूप से, गांजा पुराने हिमाचल के कुछ हिस्सों में उगाया जाता था, जिसमें शिमला, मंडी, कुल्लू, चंबा और सिरमौर शामिल थे। इसके रेशे से टोकरियां, रस्सी और चप्पलें बनाई जाती थीं और इसके बीजों का उपयोग पारंपरिक खाना पकाने में किया जाता था

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