सारथी योजना के तहत किया जाएगा आयोजित
ऋषि महाजन/नूरपुर। युवा पीढ़ी को नशे के जाल से बाहर निकालने और नशा तस्करों की कमर तोड़ने के लिए नूरपुर प्रशासन ने कमर कसी हुई है। नशे की समस्या कितनी गंभीर है, इसके तथ्य सामने आने के बाद सारथी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत डिमांड, सप्लाई की चैन को तोड़ने के लिए कार्य किया जा रहा है। योजना जून माह में शुरू की थी।
पुलिस जिला नूरपुर एसपी अशोक रत्न, एसडीएम नूरपुर गुर सिमरन सिंह और नूरपुर अस्पताल की एसएम नीरजा गुप्ता ने सारथी योजना के तहत किए कार्यों के बारे जानकारी दी।
NTPC में इन 54 पदों पर नौकरी का मौका, इच्छुक जल्द करें आवेदन
पुलिस जिला नूरपुर एसपी अशोक रत्न ने बताया कि इस साल 116 मामले दर्ज किए हैं। इसमें चार किलो चिट्टा बरामद किया है। साथ ही नशा तस्करों की 3 करोड़ की संपत्ति अटैच की है। करीब 62 लाख की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निजात पाने के लिए डिमांड और सप्लाई दोनों पर एक साथ एक्शन लेने की जरूरत है। जब तक डिमांड की चैन नहीं तोड़ी जाती, तब तक समस्या से छुटकारा नहीं मिल सकता है। डिमांड की चैन तोड़ने के लिए लोगों को जागरूक करना और नशे के आदी युवाओं को नशे से बाहर निकालना होगा। सप्लाई की चैन तोड़ने के लिए पुलिस कार्य कर रही है।
हिमाचल में राशन कार्ड ई-केवाईसी मामले में बड़ी अपडेट- इन्हें मिली राहत
युवाओं को नशे के दलदल से निकालने के लिए उन्हें ट्रेस कर उनकी काउंसलिंग की जा रही है। सारथी योजना के तहत 16 नवंबर को काठगढ़ में यूथ ऑफ लीडरशिप के तहत सात दिन का इन हाउस प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। इसमें 30 से 35 युवा भाग लेंगे। इस दौरान उनकी बिल पावर मजबूत किया जाएगा। साथ ही नशे के दुष्प्रभाव के बारे बताया जाएगा। अगर कोई युवा नशे की लत से निकलना चाहता है तो इस प्रोग्राम में भाग ले सकता है। इसके लिए एसडीएम, डीएसपी, एसएम आदि से संपर्क कर सकते हैं।
एसएम नीरजा गुप्ता ने बताया कि जून से अब तक नशे के आदी लोगों के 109 मामले आए हैं। इसमें जांच के दौरान 31 एचआईवी पॉजिटिव, 79 हैपेटाइटिस सी पॉजिटिव और 8 हैपेटाइटिस बी पॉजिटिव पाए गए हैं। कुछ की मृत्यु भी हुई है। पहले एचसीवी आरएनए टेस्ट मेडिकल कॉलेज टांडा में होते थे पर अब नूरपुर अस्पताल में भी मशीन स्थापित कर दी है। टेस्टिंग में 70 केस आरएनए पॉजिटिव पाए गए हैं।
सिरमौर के जोगिंदर हाब्बी की बड़ी उपलब्धि, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन में नाम दर्ज
कुछ का मेडिकल कॉलेज टांडा में इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकतर केस 18 से 30 साल के युवाओं के हैं। इसमें भी 18 से 24 साल के युवा ज्यादा हैं। इसमें मेल और फीमेल दोनों हैं। उन्होंने परिजनों से आग्रह किया है कि उन्हें लगता कि उनका बेटा या बेटी नशे का आदी हो गया है वे समय रहते टेस्ट करवाएं, ताकि समय रहते इलाज हो सके।