अमेरिका में वाशिंगटन के एबरडीन का मामला
नई दिल्ली। लाइब्रेरी में लोग किताबें पढ़ने जाते हैं। कई बार किताबें घर के लिए इश्यू भी करवाते हैं। किताब वापस करने की एक समय सीमा होती है। उस समय सीमा में किताब वापस करनी होती है। अगर न करें तो प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगता है। पर अमेरिका में वाशिंगटन के एबरडीन में एक ऐसा मामला आया, जिसने सबको हैरान कर दिया।
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81 वर्ष तक चेक आउट होने के बाद, एक अतिदेय पुस्तक सोमवार को एबरडीन में एक पुस्तकालय में वापस आ गई। एक शख्स 81 साल बाद किताब को लाइब्रेरी में वापस करने आया। इससे लाइब्रेरी के कर्मचारी भी हैरान हो गए।
एबरडीन टिम्बरलैंड रीजनल लाइब्रेरी ने फेसबुक पेज पर पोस्ट डाल यह जानकारी दी है। पुस्तक द बाउंटी ट्रिलॉजी चार्ल्स नॉर्डहॉफ और जेम्स नॉर्मन ने 1932 में प्रकाशित की थी। इसे 30 मार्च, 1942 को इश्यू करवाया गया था। 1942 में अतिदेय जुर्माना 0.02 डॉलर प्रति दिन था, इसके हिसाब से यह 484.80 डॉलर हो गया।
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हालांकि, COVID महामारी के दौरान, अतिदेय जुर्माना समाप्त कर दिया गया था, इसलिए कोई जुर्माना नहीं वसूला गया। किताब साफ सफाई करते स्टोर से मिली।
पुस्तकालय के अनुसार, जिस व्यक्ति ने किताब इश्यू करवाई थी वह केवल पृष्ठ 17 तक पहुंचे थे और एक नोट जोड़ा, “यदि मुझे भुगतान किया जाता तो मैं इस पुस्तक को नहीं पढ़ता। पुस्तक इश्यू करवाने वाले व्यक्ति की 2001 में मृत्यु हो गई।
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