सरकार की मंशा ही नहीं नौकरी देने की
शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को बने एक साल से ज़्यादा का समय हो गया है, लेकिन सरकार ने भर्ती परीक्षा के परिणामों को रोक कर रखा है। युवाओं को रोजगार देने के नाम पर उन्हें सिर्फ कोरा आश्वासन दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री एक साल से युवाओं को हफ्ते, दो हफ्ते में रिजल्ट जारी करने की बात कर रहे हैं। विधानसभा में भी जल्दी से जल्दी रिजल्ट जारी करने का दावा किया जा चुका है। ऐसे में युवा भी सरकार से पूछ रहे हैं कि वह समय कब आएगा।
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सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री ने बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन नतीजा शून्य है। आज युवा भटकने के किए मजबूर हैं। इस ऑफिस से उस ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं। सरकार सिर्फ जुबानी जमा खर्च से काम चलाना चाह रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पुरानी भर्तियों के परिणाम निकालने साथ-साथ सरकार अपने चुनावी वादे को भी पूरा करे।
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने पहली कैबिनेट में एक लाख नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन नौकरियां देने की बजाय सरकार ने हिमाचल के युवाओं को नौकरी देने वाले संस्थान कर्मचारी चयन आयोग को ही बंद कर दिया।
एक साल हो गया, लेकिन कर्मचारी चयन संस्थान को फिर से क्रियाशील नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने तय कर लिया है कि किसी को भी नौकरी नहीं देनी है। इसलिए नौकरी देने वाले संस्थाओं की आवश्यकता ही नहीं है।
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कई पोस्ट कोड पर भर्ती की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, सिर्फ परीक्षा परिणाम जारी करना बाकी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार भर्तियों में घोटाले के आरोप लगा रही है, लेकिन जांच में तेजी नहीं ला रही है।
एक साल का समय हो गया और अभी तक जांच पूरी नहीं हो पा रही है। क्योंकि सरकार की मंशा युवाओं को नौकरी देने की है ही नहीं। जयराम ठाकुर ने कहा कि अब इधर उधर की बात नहीं जल्दी से जल्दी रुकी हुई भर्तियों के लिए सरकार कोई ठोस रास्ता निकाले, जिससे हमारे प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिले।