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हमीरपुर: एक वर्षीय निशुल्क कंप्यूटर कोर्स के लिए 22 जून तक करें आवेदन

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग करवाता है आयोजित

 

हमीरपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की कंप्यूटर प्रशिक्षण एवं दक्षता योजना के तहत अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के युवक-युवतियों, दिव्यांगों, विधवाओं और एकल नारियों के लिए एक वर्षीय निशुल्क कंप्यूटर कोर्स करने का एक सुनहरा अवसर है। कोर्स के दौरान उन्हें हर माह छात्रवृत्ति भी मिलेगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने निशुल्क कंप्यूटर कोर्स के लिए इन वर्गों के 18 से 35 वर्ष तक के युवाओं से सादे कागज पर 22 जून तक जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय या संबंधित तहसील कल्याण अधिकारी कार्यालय में आवेदन आमंत्रित किए हैं।

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जिला कल्याण अधिकारी राकेश पुरी ने बताया कि आवेदक बीपीएल परिवार से होना चाहिए या उसके परिवार की सालाना आय 2 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि चयनित स्नातक डिग्री धारक युवाओं को नाइलेट या सी-डैक के माध्यम से एक वर्ष का पीजीडीसीए डिप्लोमा करवाया जाएगा। जबकि, बारहवीं पास आवेदकों को डीसीए या डीटीपी का एक वर्षीय डिप्लोमा भी नाइलेट या सी-डैक के माध्यम से करवाया जाएगा। ये कोर्स पहली जुलाई से आरंभ कर दिए जाएंगे।

राकेश पुरी ने बताया कि सादे कागज पर आवेदन के साथ बीपीएल या आय प्रमाण पत्र, शैक्षणिक योग्यता प्रमाणपत्र, हिमाचली प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और विकलांग उम्मीदवारों को विकलांगता प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। चयनित अभ्यर्थियों को यह बांड भरना होगा कि अगर वे इस एक वर्षीय कोर्स को बीच में छोड़ते हैं तो उन्हें कोर्स का खर्चा वापस करना होगा। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को हर माह छात्रवृत्ति के रूप में एक हजार रुपये की राशि मिलेगी।

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दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए छात्रवृत्ति की राशि 1200 रुपये होगी। कक्षाओं में 85 प्रतिशत उपस्थिति और मासिक टैस्ट में कम से कम 50 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले प्रशिक्षुओं को ही यह छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। कोर्स का पूरा खर्चा विभाग वहन करेगा, लेकिन उम्मीदवारों को अपने रहने और खाने की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।

जिला कल्याण अधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद इन उम्मीदवारों को विभिन्न सरकारी विभागों में छह माह के लिए कार्य करने का अवसर प्रदान किया जाएगा, ताकि वे कंप्यूटर चलाने में पूरी तरह दक्ष हो सकें। इस दौरान भी उन्हें 1,500 रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा। दिव्यांग उम्मीदवारों को 1,800 रुपये मासिक मानदेय मिलेगा। प्रशिक्षण के बाद नौकरी दिलवाने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की कोई भी जिम्मेवारी नहीं होगी। उक्त प्रशिक्षण के आधार पर किसी दूसरे शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश के लिए भी विभाग जिम्मेदार नहीं होगा। जिला कल्याण अधिकारी ने पात्र युवाओं से इस अवसर का लाभ उठाने की अपील की है।

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