स्वयं सहायता समूह बनाकर हो रहीं आत्मनिर्भर
कांगड़ा। हिमाचल के कांगड़ा शहर के साथ लगती पंचायत वीरता की महिलाएं कृषि के साथ आर्थिकी को भी मजबूत कर रही हैं। स्वयं सहायता समूह बनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं।
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बता दें कि कृषि विभाग के तहत वीरता की महिलाओं ने तारा भवानी स्वयं सहायता समूह का गठन किया। समूह में अभी 22 महिलाएं हैं। स्वयं सहायता समूह की प्रधान रमता देवी हैं। सचिव सुमना देवी और कोषाध्यक्ष शारदा देवी हैं।
तारा भवानी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को कृषि विभाग की तरफ से खेतीबाड़ी से जुड़े प्रशिक्षण दिए जाते हैं। बीज, ड्रम और अन्य कृषि उपकरण भी दिए जाते हैं।
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खाद बनाने का प्रशिक्षण भी महिलाओं को दिया जाता है। इससे हटकर महिलाओं ने आर्थिकी मजबूत करने के लिए भी योजना बनाई है।
महिलाओं ने बैंक में तीन साल की एक आरडी चलाई है। प्रत्येक महिला हर माह 110 रुपए का योगदान देती है। 22 महिलाओं के हिसाब से 2420 रुपए इकट्ठे होते हैं। इन पैसों को आरडी में डाला जाता है।
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तीन साल बाद आरडी मैच्योर होने पर इकट्ठा पैसा मिलने पर महिलाएं पैसे को आपस में बांट लेती हैं और अपनी जरूरत के हिसाब से खर्च करती हैं।
यही नहीं आरडी का महिलाओं को एक और भी बड़ा फायदा है। आरडी के एवज में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कोई बिजनेस जैसे अचार बनाना, मशरूम की खेती आदि के लिए लोन भी ले सकती हैं।
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महिलाओं का कहना है कि स्वयं सहायता समूह से काफी लाभ मिलते हैं। बीज आदि मिलते हैं। खाद बनाने की भी जानकारी दी जाती है। प्राकृतिक खेती की जानकारी दी जाती है।
आरडी भी चलाई है। तीन साल बाद मैच्योर होने पर पैसों को आपस में बांट लेती हैं और अपनी जरूरत से हिसाब के चीजें खरीद लेती हैं।
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