शिमला। हिमाचल की बेटी बलजीत कौर मौत को मात देकर वापस लौट आई हैं। जी हां, खुशी की बात है कि पर्वतारोही बलजीत कौर को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी से सफलता पूर्व रेस्क्यू कर लिया गया है।
हिमाचल के सोलन जिला की रहने वाली बलजीत कौर को हेलीकॉप्टर के जरिये अन्नपूर्णा बेस कैंप पर लाया गया है। बलजीत को अब यहां से अब काठमांडू के अस्पताल में ले जाया जाएगा जहां उनकी मेडिकल जांच की जाएगी। उनकी सेहत ठीक है मगर टांगों में हिमदंश होने की आशंका है।
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पायनियर एडवेंचर ने बयान जारी करते हुए कहा कि हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बलजीत कौर को एयरलिफ्ट किए जाने के बाद अन्नपूर्णा बेस कैंप में सुरक्षित पहुंचा दिया गया है। जल्द ही उन्हें मेडिकल जांच के लिए वापस काठमांडू ले जाया जाएगा।
बलजीत की उपलब्धि वास्तव में उल्लेखनीय है। हम उनकी ताकत, साहस और दृढ़ संकल्प की प्रशंसा किए बिना नहीं रह सकते। उनके व्यापक प्रशिक्षण, तैयारी और कौशल ने इस कठिन घटना से उबरने में उसकी मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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हम उनकी उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए उनकी सराहना करते हैं और हम सभी के लिए प्रेरणा बनने के लिए उनकी सराहना करते हैं। हम सभी पायनियर एडवेंचर टीम के सदस्यों के साथ-साथ हेलीकॉप्टर रेस्क्यू और सभी अन्नपूर्णा अभियान के सदस्यों को धन्यवाद देना चाहते हैं जिन्होंने इस सफल बचाव मिशन में मदद की। हम बलजीत के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साहसी, निर्भीक, कुछ अलग करने का माद्दा रखने वाली “Mountain Girl”, बलजीत कौर के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। प्रदेश के जिला सोलन के अंतर्गत सायरी क्षेत्र की निवासी बलजीत कौर उत्तर-मध्य नेपाल में गंडकी प्रांत के अन्नपूर्णा पर्वत श्रृंखला में लापता हो गई थी। स्थानीय प्रशासन के सहयोग से उन्हें रेस्क्यू कर अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया है। कौर की उपलब्धियां और बहादुरी देश व प्रदेश की बेटियों के लिए प्रेरणादायक है।
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गौतरलब है कि अन्नापूर्णा दुनिया की 10वीं सबसे ऊंची चोटी है और बलजीत कौर ने इसे बिना ऑक्सीजन के फतेह किया था। वह कैंप से वापस लौट रही थी और इस दौरान लापता हो गई थीं।
बलजीत कौर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की कंडाघाट के गांव पंजरोल की रहने वाली हैं। उनके पिता अमरीक सिंह हिमाचल पथ परिवहन में बस ड्राइवर रहे हैं और उनकी मां शांति देवी गृहिणी हैं।
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बलजीत के कुल तीन भाई बहन हैं। बलजीत कौर ने एनसीसी में शामिल होने के बाद पहाड़ों की चढ़ाई शुरू की थी। 20 साल की उम्र में उन्हें माउंट देव टिब्बा के एनसीसी अभियान के लिए चुना गया था। बलजीत कौर केवल 27 साल में 8,000 मीटर की ऊंचाई पर चढ़ने वाली पहली महिला पर्वतारोही हैं। उन्होंने इतने कम समय में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर यह रिकार्ड अपने नाम किया है।