तपोवन (धर्मशाला)। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमकेयर योजना में हुए कथित घोटाले की विस्तृत जांच करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि अब तक योजना के तहत खर्च की गई राशि का ऑडिट प्रधान महालेखाकार हिमाचल प्रदेश द्वारा किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि हिमकेयर योजना की मूल भावना से खिलवाड़ कर निजी मेडिकल शॉप्स और निजी अस्पतालों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि जिस उद्देश्य से योजना शुरू की गई थी, उसकी पूर्ति नहीं हुई और इसमें भ्रष्टाचार साफ दिखाई देता है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार ने हिमकेयर योजना के असली लाभार्थियों, गरीब और जरूरतमंद लोगों को उपचार दिलाने के लिए पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की है। मेडिकल कॉलेजों में प्रिंसिपल और मेडिकल सुपरिटेंडेंट को एक वर्ष में चार महीने हिम केयर कार्ड बनाने के लिए अधिकृत किया गया है, जिससे हर जरूरतमंद का कार्ड बिना रुकावट बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार भ्रष्टाचार पर किसी भी सूरत में समझौता नहीं करेगी। बता दें कि हिमकेयर योजना को लेकर नाचन के विधायक विनोद कुमार और बिलासपुर के विधायक त्रिलोक जम्वाल ने विधानसभा में सवाल पूछा था।
हिमकेयर योजना पर नाचन के विधायक विनोद कुमार ने आपात स्थिति में कार्ड न बनने का मुद्दा उठाया, जिस पर स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने स्पष्ट किया कि मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल और MS को कार्ड बनाने की अनुमति दी गई है।
रणधीर शर्मा ने सौ कार्ड बनाने की शर्त खत्म करने की बात रखी, जिस पर मंत्री ने आश्वस्त किया कि भविष्य में ऐसी शर्त लागू नहीं होगी। उधर, जगत सिंह नेगी के विशेषाधिकार हनन नोटिस को लेकर भी सदन में गर्म माहौल रहा। स्पीकर ने बताया कि नोटिस सचिवालय को जांच के लिए भेजा गया है। इस दौरान जगत नेगी और विपिन परमार के बीच तीखी नोकझोंक हुई और भारी शोरगुल के बीच सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।