तपोवन (धर्मशाला)। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के 5 अगस्त 2025 के फैसले से सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों से प्रदेश में 1 लाख 24 हजार 780 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। इसमें कांगड़ा जिला में सबसे अधिक 37 हजार 956, शिमला में 22 हजार 092 और मंडी जिला में 20 हजार 617 परिवार प्रभावित हो रहे हैं।
वहीं, सिरमौर में 483, सोलन में 70, चंबा में 8,998, बिलासपुर में 7212, ऊना में 10,365, किन्नौर में 4,767, हमीरपुर में 8992, कुल्लू में 3228 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। लाहौल स्पीति में कोई परिवार प्रभावित नहीं हो रहा है।
यह जानकारी धर्मशाला के तपोवन में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान झंडूता के विधायक जीत राम कटवाल के सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मुहैया करवाई है।
यह भी जानकारी दी गई कि हाईकोर्ट के 5 अगस्त 2025 के फैसले को सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है, जिसके लिए विशेष अनुमति याचिका दायर किए जाने की प्रक्रिया प्रगति पर है। वर्तमान में पुनर्वास एवं राहत के लिए कोई नीति नहीं बनाई जा सकती है, क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।