रेखा चंदेल/घुमारवीं। बुजुर्ग समाज की वह अमूल्य धरोहर हैं, जिनके अनुभव और मार्गदर्शन से जीवन की सही दिशा मिलती है। इन्हीं जीवनदायिनी छांवों को सम्मान देने के उद्देश्य से महिला साहित्यकार संस्था हिमाचल प्रदेश की ओर से ग्राम बध्यात की 96 वर्षीय समाजसेवी मनोरमा देवी (प्रसिद्ध देई जी) को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
पूर्व प्रधानाचार्य स्वर्गीय प्यार सिंह मिन्हास जी की धर्मपत्नी मनोरमा देवी का समाजसेवा के क्षेत्र में विशेष योगदान रहा है। हाल ही में आई बाढ़ आपदा में उन्होंने जरूरतमंदों को न केवल खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई, बल्कि आर्थिक सहायता भी प्रदान की। महिला साहित्यकार संस्था के प्रतिनिधियों ने देई जी से भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया और उनके प्रेरणादायक जीवन के प्रति श्रद्धा प्रकट की।
देई जी का मायका वर्तमान नगर (पूर्व में छुआड़ क्षेत्र) से है और उन्होंने अपनी शिक्षा विजयपुर में अपने ननिहाल रहते हुए राजकीय उच्च पाठशाला औहर से दसवीं तक ग्रहण की। हिन्दी व अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं पर उनकी समान पकड़ आज भी बनी हुई है।
इस अवसर पर संस्था की प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती शीला सिंह, जिला अध्यक्ष डॉ. हेमा देवी ठाकुर, जिला उपाध्यक्ष श्रीमती सुषमा खजूरिया भी मौजूद रहीं। सभी ने मनोरमा देवी के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना की तथा समाजसेवा में उनके योगदान को प्रेरणादायक बताया।