ऋषि महाजन/नूरपुर। बरसात नौसेना के जवान के परिवार पर आफत बनकर आई है। भारी बारिश के चलते जब्बर खड्ड में बाढ़ आने से जिला कांगड़ा के उपमंडल नूरपुर की डन्नी पंचायत के गांव खड़ेतर निवासी नौसेना जवान सूरम सिंह पुत्र बुद्धि सिंह का घर भूस्खलन की चपेट में आने से आधा पानी से बह गया है।
इसके चलते पीड़ित परिवार को हाल ही में एक सुरक्षित घर में शिफ्ट कर दिया गया है। हालांकि, ये समस्या कोई नई नहीं है। 18 अगस्त 2019 को भारी बरसात के कारण हुए भूस्खलन के कारण पहाड़ खिसकने से खड़ेतर गांव के नौसेना के जवान सूरम सिंह के परिवार को भयानक त्रासदी से गुजरना पड़ा था।
पिछले 6 साल से अपनी जमीन व आशियाने को बचाने के लिए नौसेना का यह जवान हर किसी के आगे गुहार लगाता रहा पर किसी को आज तक इस सैनिक का दर्द महसूस नहीं हुआ और अब दो दिन से हुई तेज बारिश ने इस नौसेना के जवान के आशियाने को भी निगल लिया है।
18 अगस्त 2019 को भारी बरसात के कारण हुए भूस्खलन के चलते पहाड़ खिसकने से उनकी पुश्तैनी जमीन का एक बड़ा हिस्सा भूस्खलन और बाढ़ में बह गया था, जिसमें उनकी गौशाला भी शामिल थी। इस त्रासदी के बाद जब्बर खड्ड का रुख भी बदलकर उनके घर की ओर मुड़ गया था, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई। गत मंगलवार से हो रही भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से सैनिक सूरम सिंह का घर भूस्खलन की चपेट में आने से आधा गिर कर पानी में बह गया।
नौसेना के जवान सूरम सिंह ने बताया कि उन्होंने और उनके परिवार ने राहत पाने के लिए लगातार छह साल तक संघर्ष किया, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिला है। इन वर्षों में किराए पर खर्च हुए पैसों से वे अपने लिए दो कमरे खरीद सकते थे, लेकिन सरकारी मदद के नाम पर कुछ भी नहीं मिला। सूरम सिंह ने बताया कि तत्कालीन वन मंत्री राकेश पठानिया ने घटनास्थल पर पहुंचकर उन्हें आश्वासन दिया था कि सरकारी मदद जल्द मिलेगी, लेकिन स्थिति जस की तस रही।
सूरम सिंह ने बताया कि वह भारतीय नौसेना में कार्यरत हैं और उनकी विशेष ड्यूटी प्रधानमंत्री हाउस में लगी थी। इसके चलते उसने उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीए से अपनी यह समस्या साझा की, जिसके बाद भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से संपर्क किया गया। हालांकि, इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए और अगले साल की बरसात में स्थिति और बिगड़ गई। भूमि कटाव और बाढ़ के कारण खड्ड उनके घर के और नजदीक आ गई।
इसके बाद केंद्रीय टीम ने भी घर का निरीक्षण किया, जिसमें केंद्रीय ज्वाइंट सेक्रेटरी संजीव कुमार जिंदल के नेतृत्व में एक टीम आई। इसके बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि अपनी जमीन व आशियाने को बचाने के लिए शिमला स्थित बड़े-बड़े अधिकारियों की चौखट तक पहुंचे पर कहीं से भी उन्हें राहत नहीं मिली।
एसडीएम नूरपुर अरुण शर्मा ने बताया कि पीड़ित परिवार को हाल ही में एक सुरक्षित घर में शिफ्ट कर दिया गया है और उच्चाधिकारियों को पूरी घटना से अवगत करवा दिया गया है। उन्होंने अभी हाल में ही नूरपुर मे कार्यभार संभाला है , मामले पर क्या अपडेट है, उसकी जानकारी हासिल कर हर संभव सहायता की जाएगी।