मंडी। हिमाचल प्रदेश को जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार से 1200 करोड़ रुपए की राशि का इंतजार है। इसमें 350 करोड़ रुपए राशि के काम हो चुके हैं, लेकिन पैसा न आने के चलते ठेकेदारों को पेमेंट नहीं की जा सकी है। पेमेंट न होने के चलते ठेकेदारों ने काम रोक दिए हैं। यह बात डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने मंडी में मीडिया से बातचीत में कही है।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में जल शक्ति विभाग को करीब 4150 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। 2023 में 2100, 2024 में 600 करोड़ और 2025 में 1300, 1400 करोड़ रुपए की चपत लगी है। हिमाचल में आपदा में कई मुख्य योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिन्हें अस्थाई रूप से बहाल किया जा सका है।
मंडी की मुख्य स्कीम को नुकसान पहुंचा है। सराज में 121 करोड़ रुपए और कुल्लू में मुख्य योजना प्रभावित हुई है। हम देख रहे हैं कि स्कीमों को दोबारा कैसे दुरुस्त किया जा सकता है। केंद्र सरकार से भी इसको लेकर आग्रह किया है। वह खुद केंद्रीय मंत्री से भी मिले हैं।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन की बात करें तो केंद्र सरकार ने 1200 करोड़ की राशि देनी है। इस राशि के लिए हम जद्दोजहद कर रहे हैं। 350 करोड़ राशि के काम हो चुके हैं, काम की पेमेंट ठेकेदारों को करनी है। योजनाएं केंद्र सरकार की और बनवाने का काम हमारा था। ठेकेदारों ने विश्वास पर काम किया।
350 ठेकेदारों की पेमेंट लंबित हैं, जोकि अदा करनी है। वहीं, जिन योजनाओं का काम चल रहा था और पूरी होनी थी, उनका पैसा नहीं आया तो ठेकेदारों ने काम रोक दिया। जल जीवन मिशन के पैसे का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री के साथ भी उठाया है। मिशन के तहत 6300 करोड़ रुपए की राशि मंजूर हुई थी। इसमें 5100 करोड़ का राशि मिली है। बाकी लंबित है।
वहीं, राज्य सरकार से योजनाओं की मरम्मत के लिए 350 से 400 करोड़ रुपए की जरूरत है। राशि की राज्य से मांग की है। वहीं, त्रासदी से प्रभावित जल जीवन मिशन की योजनाओं के लिए केंद्र सरकार से पैसा मांगा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में 2023 में आई आपदा का पैसा 2025 में मिला है।
आपदा का 550 करोड़ रुपए के आसपास मिलना है। अभी 100 करोड़ रुपए मिले हैं। ऐसे में 2024 और 2025 का पैसा कब आएगा। हिमाचल में लोगों ने पानी की दिक्कत फेस की है। जल शक्ति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पूरी ताकत लगाकर पानी बहाल करने की कोशिश की है। हिमाचल में तीन साल में 46 हजार योजनाएं प्रभावित हुई हैं। यह पीने के पानी की योजनाएं हैं। सिंचाई और सीवरेज आदि की अलग है।
विभाग ने पीने के पानी की समस्याएं हल की हैं, लेकिन ये स्थाई हल नहीं है। स्थाई हल तब तक संभव नहीं जब तक केंद्र सरकार से पैसा नहीं आ जाता है। जो योजनाएं केंद्र सरकार ने मंजूर की है, उनका पैसा केंद्र दे। राज्य का पैसा राज्य दे।
जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में जांच चलने की बात कही जा रही है। जांच पूरी होने तक पैसा नहीं आएगा। ऐसे में बहुत लेट हो जाएगा। विभाग को ठेकेदारों का भुगतान करना है। यह भुगतान वर्तमान सरकार के समय का ही नहीं है, पूर्व सरकार के समय में ठेके हो गए थे।
उन्होंने कहा कि अब पेयजल योजनाओं का मुख्य पार्ट नदियों के बाहर बनाए जाने की योजना बनाई जा रही है। नदियों में वहीं पार्ट रखें जाएंगे जो जरूरी होंगे। ऐसा करके बाढ़ आदि में मुख्य पार्ट को बचाने का प्रयास किया जाएगा।
डिप्टी सीएम और वोट चोर गद्दी छोड़ अभियान के संयोजक मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि शनिवार को शिमला पार्टी ऑफिस से इस अभियान को लांच किया जाएगा। अभियान के तहत एक लाख से अधिक हस्ताक्षर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
हिमाचल में कांग्रेस संगठन गठन को लेकर उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह हैं। संगठन कायम करने के लिए दिल्ली में बातचीत का दौर जारी है। बहुत जल्द पार्टी संगठन कायम करने जा रही है।
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