ऋषि महाजन/नूरपुर। कांगड़ा जिला के जसूर कस्बे में भीख मांगते बच्चों की बढ़ती संख्या अब कानून-व्यवस्था के लिए सिरदर्द बन गई है। पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर विभाग की कार्रवाई के बावजूद हालात बिगड़ते जा रहे हैं।
त्योहारों के सीजन में बाजारों, दुकानों और सड़कों पर दर्जनों छोटे-छोटे बच्चे हाथ फैलाए दिखते हैं। दुकानदारों का कहना है कि यह भीख माफिया त्योहारों पर ज्यादा सक्रिय हो जाता है।
कुछ दिन पहले बाजार में एक महिला से इन बच्चों ने छीना झपटी कर उसका बैग छीनने की कोशिश की थी। हालांकि दुकानदारों की सजगता से महिला का बैग बच गया, लेकिन इस घटना ने कस्बे में दहशत फैला दी। स्थानीय लोग बताते हैं कि ये बच्चे तेज रफ्तार गाड़ियों के बीच दौड़कर भीख मांगते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
स्थानीय दुकानदार सूरज का कहना है हर रोज बच्चे दुकान के बाहर खड़े होकर ग्राहकों से पैसे मांगते हैं। मना करने पर बदतमीजी भी कर देते हैं। इससे कारोबार प्रभावित हो रहा है और लोग डरकर खरीदारी करने से कतराने लगे हैं।
इसी तरह पवन, राजीव ने कहा ये बच्चे यहां झुग्गी-झोपड़ियों से आते हैं। उनके माता-पिता खुद सड़क किनारे बैठे रहते हैं और बच्चों को बाजार में भेज देते हैं। प्रशासन को तुरंत सख्त कदम उठाने चाहिए।
डीएसपी चंद्रपाल ने कहा भीख मांगने और छीना झपटी की घटनाओं पर पुलिस कड़ी नजर रख रही है। मामला चाइल्ड हेल्पलाइन को भेजा गया है। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, स्थानीय सीडीपीओ सुनीत कुमार ने बताया कि पहले भी इस तरह की शिकायत पर विभाग ने कड़ी कार्रवाई की थी। अब फिर से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है। जल्द ही प्रवासी परिवारों और उनके बच्चों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बच्चों को खतरनाक परिस्थितियों में भीख मांगने भेजने वाले परिजनों पर कार्रवाई की जाए। साथ ही इन बच्चों के पुनर्वास और शिक्षा की दिशा में ठोस योजनाएं बनाई जाएं, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।