ऋषि महाजन/नूरपुर। नूरपुर बाजार की सड़कें इन दिनों खतरनाक हालात में पहुंच चुकी हैं। जगह-जगह गड्ढे, टूटी सड़कें और लगातार हो रही पाइप लीकेज ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि संबंधित विभाग के अधिकारी इन्हीं रास्तों से गुजरते हैं, लेकिन समस्या को देखकर भी अनदेखा कर रहे हैं।
स्थानीय निवासी विकास, राजेश, विपिन और भरत ने कुछ दिन पहले मीडिया के सामने पानी के मेन पाइप लीकेज का मुद्दा उठाया था। इसके बाद आईपीएच विभाग के एसडीओ महेंद्र ने आश्वासन दिया था कि लीकेज तुरंत ठीक कर दी जाएगी। लेकिन दूसरी बार शिकायत होने पर उनका जवाब चौंकाने वाला रहा ठेकेदार तो पेमेंट लेकर जा चुका है, लीकेज बंद होनी चाहिए।
हालांकि जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है पाइप आज भी पूरी तरह लीक हो रहा है। इससे बड़ा सवाल उठ रहा है, क्या ठेकेदार बिना काम पूरा किए भुगतान लेकर चला गया ? क्या अधिकारी झूठ बोल रहे हैं या फिर मामला दबाया जा रहा है ? इस तरह के बयान विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं।
वहीं, नगर परिषद की लापरवाही भी कम नहीं है। पानी निकासी के लिए बनाई गई नाली के साथ लगाए गए लोहे के मैनहोल को नाली से ऊपर उठा दिया गया है, जिससे सड़क के बीच खड़ा अब जनता के लिए खतरा बन चुका है। यह डिजाइन इतनी खराब है कि समझ नहीं आता कि पानी नाली में जाएगा या सड़क पर जमा होगा।
जब इस मामले में नगर परिषद के एसडीओ राजेश चौधरी से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हें स्थिति की जानकारी नहीं है और वे शीघ्र मौके पर जाकर जांच करेंगे।
लापरवाही की हद पार जनता की समस्याएं ‘कागज़ी आश्वासन’ में दब रहीं
नूरपुर की जनता बार-बार शिकायत कर रही है पर न सुधार हो रहा है न जिम्मेदारी तय हो रही है। सड़कें टूटी,पाइप लीक, भुगतान पूरा, काम अधूरा,अधिकारी अनजान यह पूरा मामला प्रशासन की गंभीर लापरवाही और जिम्मेदारी से बचने की प्रवृत्ति को उजागर करता है। जनता का धैर्य अब जवाब दे रहा है और अगर स्थिति ऐसी ही रही तो आने वाले दिनों में आक्रोश और बढ़ना तय है।