ऋषि महाजन/नूरपुर। बंजर और कम उपजाऊ भूमि से किसानों को अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। औषधीय पौधे किसानों के लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकते हैं। किसान औषधीय पौधे लगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। हालांकि, अभी तक प्रदेश में औषधीय पौधों की मंडी नहीं है। मगर प्रदेश के बाहर अच्छे दाम मिलते हैं।
बड़ी बात यह है कि इसमें खेती की लागत बहुत कम होती है। दवा का छिड़काव आदि नहीं करना पड़ता है और बचत भी काफी अच्छी होती है। जिला कांगड़ा के क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, जाच्छ (नूरपुर) के सह निदेशक एवं वैज्ञानिक डॉ. विपन गुलेरिया ने औषधीय पौधों की खेती करने की सलाह दी है। उनके अनुसार यह मौसम भी अब पौधे लगाने के अनुकूल है।
क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, जाच्छ (नूरपुर) के सह निदेशक डॉ. विपन गुलेरिया ने कहा कि औषधीय पौधों की खेती आमदनी बढ़ाने के लिए मददगार होते हैं। गुलेरिया का कहना है कि हम लोग औषधीय पौधों और सगंधीय पौधों की खेती को प्रमोट कर रहे हैं।
हम ज्यादातर किसान भाइयों के लिए औषधीय पौधों की खेती कैसे करें, कब करें और कौन से सीजन में खेती होती है, कहां-कहां होती है, उसके हिसाब से मार्गदर्शन करते हैं। उनका कहना है कि बरसात का मौसम पौधे लगाने के लिए सही समय होता है। आंवला, तुलसी, नीम, एलोवेरा, अश्वगंधा, गिलोय, ब्राह्मी, शतावरी, अदरक, हल्दी, मेथी, "हरड़" (Harad) और "बेहड़ा" (Behda) आदि औषधीय पौधे लगाए जा सकते हैं।
क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, जाच्छ (नूरपुर) के सह निदेशक डॉ. विपन गुलेरिया ने बताया कि आमदनी बढ़ाने के लिए यह औषधीय पौधे मददगार होते हैं। क्योंकि औषधीय पौधे सामान्य तौर पर जंगलों में पाए जाते हैं। हमारे जंगल सारे नष्ट हो चुके हैं।
ऐसे में जंगल में उगने वाले पौधों की खेती कैसे करें इसको लेकर किसान भाइयों को गाइडेंस दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जंगली औषधीय पौधे से वह अच्छे किस्म के पौधे तैयार करते हैं, जिससे अच्छी पैदावार हो रही है। उन्होंने कहा कि संस्थान में यह पौधे किसानों को उपलब्ध करवाए जाते हैं।
सह निदेशक डॉ. विपन गुलेरिया ने बताया कि अभी तक प्रदेश में औषधीय पौधों की मंडी नहीं है। मगर प्रदेश के बाहर अच्छे दाम मिलते हैं। लोग ट्रैडर के माध्यम से अपना माम बेचते हैं। उन्होंने कहा कि औषधीय पौधों व फलों की मांग भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी काफी मात्रा में है, इसलिए औषधीय पौधे लगाएं।