ऋषि महाजन/नूरपुर। नूरपुर शहर, जिसे कभी सपड़ी वाला शहर कहा जाता था यानी पत्थर पर बसा हुआ नगर, आज भारी खतरे का सामना कर रहा है। लगातार मूसलधार बारिश ने शहर की नींव को हिला दिया है।
ढकी बस स्टैंड से लेकर कोर्ट रोड तक फैली सपड़ी जगह टूट-फूट रही है और ऊपर से गिरता मलबा आसपास बने मकानों व नगर परिषद कमेटी के हिस्सों को गंभीर संकट में डाल रहा है।
कोर्ट रोड से मंदिर जाने वाला रास्ता धंस जाने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। इससे लोगों की परेशानी कई गुना बढ़ गई है, क्योंकि अब उन्हें कचहरी और मंदिर तक पहुंचने के लिए तंग नूरपुर बाजार से होकर जाना पड़ रहा है।
बाजार में पहले से ही जगह कम है और अब बढ़े हुए ट्रैफिक के कारण जाम की समस्या और विकराल हो गई है। वहीं वोड़ से धार को जाने वाला डिफेंस रोड भी लहासा गिरने से बंद कर दिया गया है। अगर बारिश का यही क्रम जारी रहा तो नूरपुर से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-154 भी खतरे की जद में आ सकता है।
लगातार गिरती मिट्टी और पत्थरों से सपड़ी किनारे बने मकानों के लिए भी खतरा और बढ़ गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने इस क्षेत्र की मजबूती को कमजोर कर दिया है। लोग आशंकित हैं कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो शहर के बीचों-बीच कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है।
इस संदर्भ में उपमंडल अधिकारी अरुण शर्मा ने बताया कि सड़क धंसने से कोर्ट रोड को पूरी तरह बंद कर दिया गया है और अब सभी आपातकालीन वाहन नूरपुर बाजार से होकर निकलेंगे।
वहीं, डीएसपी विशाल वर्मा ने फोन पर बताया कि ट्रैफिक को डायवर्ट करने के चलते शहर में वन-वे व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब लोग चौगान बाजार से शहर में दाखिल हो सकेंगे और नयाजपुर मार्ग से बाहर निकलेंगे। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस तैनात कर दी गई है।
हालांकि, मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और तेज बारिश की चेतावनी दी है। ऐसे में प्रशासन की चुनौती और बढ़ गई है। नूरपुरवासी अब बस यही उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार और प्रशासन इस समस्या को गंभीरता से लें और किसी बड़े हादसे से पहले सुरक्षा के ठोस कदम उठाए जाएं।