राकेश चंदेल/बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी से अति भारी बारिश के चलते संबंधित जिलों के उपायुक्त आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए शिक्षण संस्थानों को बंद करने के आदेश जारी कर रहे हैं।
ऐसे हालात में जहां विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छुट्टियां दी जा रही हैं, वहीं शिक्षा सचिवालय द्वारा जारी आदेशों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को स्कूलों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं।
संघ का कहना है कि बच्चों की अनुपस्थिति में स्कूलों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण स्टाफ के पास कार्य लगभग न के बराबर रह जाता है। ऐसे में यह निर्णय न केवल अव्यावहारिक है, बल्कि शिक्षण दिवसों की क्षतिपूर्ति में भी सहायक नहीं है।
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष जगदीश शर्मा व महासचिव संजय पीसी ने कहा कि यदि इस अवधि में शिक्षकों और स्टाफ को भी छुट्टी दे दी जाती और बाद में इन दिनों की क्षतिपूर्ति करवाई जाती, तो विद्यार्थियों को अतिरिक्त शिक्षण दिवस मिल पाते और पढ़ाई का नुकसान भी नहीं होता।
संघ ने सचिव शिक्षा हिमाचल प्रदेश से इस आदेश पर पुनर्विचार कर शिक्षकों व गैर-शिक्षण कर्मचारियों को राहत देने का आग्रह किया है।