शिमला। हिमाचल प्रदेश में ग्राम रोजगार सेवकों की महंगाई भत्ते और वार्षिक वेतन बढ़ोतरी दोबारा लागू करना केंद्र सरकार के पाले में है।
हिमाचल विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान आनी के विधायक लोकेंदर कुमार के सवाल के जवाब में ग्रामीण पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने जानकारी दी है कि यह योजना “महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम मनरेगा के अंतर्गत एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसमें 100 प्रतिशत मजदूरी भुगतान एवं प्रशासनिक व्यय भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है तथा राज्य सरकार केवल सामग्री व्यय के लिए 25 प्रतिशत अंशदान करती है।
योजना के तहत कार्य दिवसों का वार्षिक लक्ष्य तथा उसके अनुरूप धनराशि का आवंटन भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत सरकार द्वारा अनुमोदित वार्षिक लक्ष्य में कमी तथा प्रशासनिक मद में पर्याप्त धनराशि की अनुपलब्धता के कारण गैर -तकनीकी स्टाफ के महंगाई भत्ते (डीए) सहित वार्षिक वेतन वृद्धि को अस्थायी रूप से स्थगित किया गया है, जैसा कि वर्ष 2023-24 व 2024-25 में भी किया गया था।
राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में भारत सरकार से वार्षिक लक्ष्य बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। यदि भारत सरकार द्वारा लक्ष्य एवं प्रशासनिक व्यय की पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जाती है तो महंगाई भत्ता एवं वार्षिक वेतन वृद्धि पुन: लागू करने पर विचार किया जाएगा। वहीं यह भी जानकारी दी कि सरकार इन्हें पंचायती राज विभाग में नियमित/समायोजित करने का विचार नहीं रखती है।