ऋषि महाजन/नूरपुर। पौंग बांध से छोड़े गए पानी ने अब कांगड़ा जिला के इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के मंड क्षेत्र में तबाही मचानी शुरू कर दी है। मंड भोग्रवां गांव में ब्यास नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से कई एकड़ उपजाऊ भूमि पानी में समा चुकी है।
हालात इतने बिगड़ गए कि गांव में बना एक बहुमंजिला मकान भी नदी के तेज बहाव की जद में आ गया। प्रशासन ने एहतियातन इस मकान को समय रहते खाली करवा दिया, लेकिन लगातार कटान के कारण इसकी नींव कमजोर हो गई है और अब यह मकान टूटने की कगार पर है। मकान का एक हिस्सा गिर गया है।
गांव के लोगों का कहना है कि अपनी आंखों के सामने अपना घर और जमीन बर्बाद होते देखना बेहद दर्दनाक है। उनका आरोप है कि इस आपदा के पीछे अवैध खनन की बड़ी भूमिका है।
ग्रामीणों के अनुसार खनन माफियाओं ने लंबे समय से नदी में कैरेट डालकर खनन किया है, जिससे पानी का बहाव असामान्य हो गया और अब नदी रिहायशी इलाकों को निगल रही है।
स्थानीय निवासी राजेन्द्र सिंह ने कहा कि हमारे पूर्वजों की मेहनत से बनाई जमीन और घर आज पानी में बह रहे हैं। प्रशासन सिर्फ दौरे कर रहा है, मगर हमें न कोई राहत दी गई है और न ही मुआवजे की कोई घोषणा।
वहीं एक अन्य निवासी सुरेश पठानियां जिनका परिजनों सहित मकान खतरे में है ने बताया कि कई बार हमने अधिकारियों को अवैध खनन की शिकायत दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। विभाग की मिलीभगत से यह खेल चलता रहा और अब हमें अपना आशियाना उजड़ता देखना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से तुरंत राहत और पुनर्वास की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में और कई घर व जमीन पानी की भेंट चढ़ सकती हैं।