सतपाल भारती/राजगढ़। हिमाचल में गर्मी ने प्रचंड रूप धारण किया हुआ है। इसके चलते जल संकट भी गहरा गया है। वहीं, सिरमौर जिला के 10 से 12 गांव ऐसे हैं, जहां के करीब 1500 लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। ऐसा पानी शायद जानवर भी न पीएं।
हम बात कर रहे हैं राजगढ़ तहसील के पझौता क्षेत्र के शाया सनौरा क्षेत्र की। शाया सनौरा में एक पेयजल योजना बनी है। यहां धनच- मानवा पंचायत के 10 से 12 गांव के करीब 1500 लोगों को पानी की सप्लाई होती है। साथ ही तीन स्कूलों के छात्र भी यही पानी पीते हैं।
योजना की हालत खस्ता के चलते लोगों में खासा रोष है। जब ewn24 news Choice Of Himachal की टीम ने मौके पर जाकर देखा तो लोगों का रोष जायज निकला। शुरुआत में वाटर सोर्स से जिस टैंक में पानी स्टोर किया जा रहा है, उस टैंक की हालत ही खराब थी। टैंक खुला था और अंदर घास आदि उगी थी।
वहीं, टैंक में टूटी बोतलें भी पड़ी थीं। जिस वाटर सोर्स से इस टैंक में पानी आ रहा था, वहां भी एक पशु मरा हुआ था। मुख्य टैंक से पानी वाटर ट्रीटमेंट टैंक में स्टोर होता है। यह नाम के ही वाटर ट्रीटमेंट टैंक हैं। यह खुद ट्रीटमेंट के लायक हैं।
इन टैंकों में कीड़े आदि पानी में तैर रहे थे। पानी में काई जमी हुई थी। इस पानी की हालत ऐसी कि पशु भी देखकर पीने से मना कर दें। इन ट्रीटमेंट टैंकों से पानी नीचे सप्लाई टैंक में जाता है। हालांकि, यह टैंक सीमेंट से बंद था, लेकिन टैंक से ढक्कन गायब था।
नैत्र सिंह, गोविंद शर्मा, नरेश ठाकुर, जगत सिंह, सुनील कुमार, रूप सिंह, श्यामलाल और विवेक रमेश कुमार आदि का कहना है कि इस योजना से धनच-चुखडिया,चला-दोची, माल, पराई, डोबका, शिमलिया व धनेश्वर आदि 10 से 12 गांव की करीब 1500 की आबादी को पानी सप्लाई होता है।
इसकी हालत खराब है। गर्मी में लोगों का क्या होगा। इससे बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। 1500 लोग भगवान के भरोसे ही हैं। लोगों का कहना है कि कई बार जल शक्ति विभाग को इस बारे में सूचित किया गया है, लेकिन विभाग के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
टैंक में पानी नहीं एसिड लगता है। यह स्वच्छ भारत है। इस योजना से प्राइमरी, मिडिल और हाई स्कूल को पानी सप्लाई होती है। बच्चे ऐसा गंदा पानी पी रहे हैं। कुछ बच्चे भी बीमार हुए हैं।
शाया सनौरा पेयजल योजना के हाल देकर तो स्वच्छ जल मिशन पर भी सवाल उठते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि जल शक्ति विभाग ने सच में लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। क्योंकि खुले टैंक में कभी भी कुछ भी गिर सकता है और कोई कुछ भी डाल सकता है। ऐसे में करीब 1500 लोगों की सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल है।
जल शक्ति विभाग राजगढ़ डिवीजन के एक्सईन मनदीप गुप्ता से बात की तो उन्होंने जेई से बात करने के लिए कहा। शाया सनौरा क्षेत्र के जल शक्ति विभाग के जेई ने बताया कि यहां प्राकृतिक जल स्त्रोत से पानी की सप्लाई होती है।
प्राकृतिक जल स्त्रोत के पानी को ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती है। वहीं, टैंक पर ढक्कन लगाया था, पता नहीं किसने खोल दिया है। पेयजल योजना की सफाई को लेकर लोग शिकायत कर रहे हैं तो मौके पर जाकर देखा जाएगा और इस समस्या को हल किया जाएगा।