हरिपुर। देहरा विधानसभा क्षेत्र के चंद्रधर गुलेरी राजकीय महाविद्यालय हरिपुर (गुलेर) कॉलेज में अंग्रेजी और हिंदी पढ़ाने वाला ही कोई नहीं है। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था किस ओर जा रही है। कॉलेज में इस वक्त विभिन्न असिस्टेंट प्रोफेसर के 8 और नॉन टीचिंग स्टाफ के 13 पद खाली हैं।
हरिपुर कॉलेज में प्रिंसिपल सहित असिस्टेंट प्रोफेसर के 18 पद मंजूर हैं। इसमें प्रिंसिपल का एक, असिस्टेंट प्रोफेसर कॉमर्स के दो, असिस्टेंट प्रोफेसर अंग्रेजी, हिंदी, गणित, साइकोलॉजी, इकोनॉमिक्स, इतिहास, संस्कृत, फिजिक्स, केमिस्ट्री, राजनीतिक शास्त्र, फिजिकल एजुकेशन, जियोग्राफी, म्यूजिक, फिलॉसफी और तबला वादक का एक-एक पद मंजूर है।
इसमें 10 पद भरे हैं। 6 पद रेगुलर और 4 अनुबंध आधार पर भरे गए हैं। प्रिंसिपल, असिस्टेंट प्रोफेसर इकोनॉमिक्स, संस्कृत, फिजिक्स, केमिस्ट्री और कॉमर्स का एक पद रेगुलर आधार पर भरा गया है। असिस्टेंट प्रोफेसर गणित, साइकोलॉजी, हिस्ट्री और कॉमर्स का एक पद अनुबंध आधार पर भरा है।
असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी, अंग्रेजी, राजनीतिक शास्त्र, फिजिकल एजुकेशन, जियोग्राफी, म्यूजिक, फिलॉसफी और तबला वादक के पद खाली हैं।
नॉन टीचिंग स्टाफ की बात करें तो 24 पद मंजूर हैं। इसमें से विभिन्न 13 पद खाली हैं और 11 पद भरे हैं। एलए, चपरासी कम चौकीदार के 5-5, क्लर्क के तीन, असिस्टेंट लाइब्रेरियन और स्वीपर के दो-दो, सुपरिटेंडेंट ग्रेड-1, सुपरिटेंडेंट ग्रेड-2, सीनियर असिस्टेंट, लाइब्रेरियन, लाइब्रेरी अटेंडेंट, स्टोर कीपर, माली का एक-एक पद मंजूर है।
सुपरिटेंडेंट ग्रेड-1, क्लर्क का एक, असिस्टेंट लाइब्रेरियन के 2, एलए के दो और चपरासी कम चौकीदार के पांच पद भरे हैं। वहीं, सुपरिटेंडेंट- ग्रेड दो का एक, सीनियर असिस्टेंट का एक, क्लर्क के दो, लाइब्रेरियन का एक, लाइब्रेरी अटेंडेंट का एक, एलए के तीन, स्टोर कीपर, माली का एक-एक और स्वीपर के दो पद खाली हैं।
बता दें कि हरिपुर कॉलेज के निर्माण स्थल पर पहले से सवाल उठते आए हैं। कॉलेज भवन का निर्माण हरिपुर बाजार से काफी दूर जंगल की तरफ किया गया है। संतोषी माता मंदिर पहाड़ी के साथ निर्माण किया गया है। यह क्षेत्र काफी सुनसान है। बाजार से छात्रों को पैदल कॉलेज जाना पड़ता है। क्योंकि बाजार से कॉलेज तक जाने के लिए यातायात का कोई साधन नहीं है।
छात्र या तो अपनी बाइक आदि में जाएं या फिर पैदल। क्योंकि बाजार से कॉलेज तक कोई यातायात का सार्वजनिक साधन नहीं है। कहीं-कहीं पर रास्ता भी सुनसान है। ऐसे में छात्राओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल है।
ऐसे में छात्रों का मोह कॉलेज से भंग होता जा रहा है। इसके पीछे एक तो उक्त कारण है। दूसरा स्टाफ की कमी से भी छात्रों को परेशानी होती है।
हरिपुर कॉलेज के प्रिंसिपल अश्वनी पराशर का कहना है कि समय-समय पर निदेशक हायर एजुकेशन को खाली पदों के बारे अवगत करवाया जाता रहता है।