शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में यहां आयोजित कैबिनेट की बैठक में गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा विभाग में गृह रक्षा स्वयंसेवकों के 700 पद भरने को मंजूरी प्रदान की गई।
बैठक में 31 मार्च, 2025 तक दो वर्ष की अनुबंध सेवाएं पूरी कर चुके 203 पंचायत सचिवों (जिला परिषद कैडर) की सेवाओं को नियमित करने को मंजूरी दी गई।
कैबिनेट ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला और डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज, टांडा में सीनियर रेजीडेंसी के लिए पात्रता से पहले एक वर्ष की फील्ड पोस्टिंग की अनिवार्यता को वापस लेते हुए स्नातकोत्तर विशेषज्ञ सेवा (पीजी/एसएस) नीति में संशोधन को मंजूरी प्रदान की।
यह निर्णय अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटीज ,चमियाना में अपनाई गई नीति के अनुरूप लिया गया है। संशोधन का उद्देश्य चयन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना, निष्पक्षता सुनिश्चित करना और रेजिडेंट डॉक्टर नीति और पीजी/एसएस नीति के कार्यान्वयन के बीच सामंजस्य लाना है।
हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने को स्वीकृति दी।
बैठक में गैर-जैव निम्नीकरणीय (नॉन -बायोडिग्रेबल) कचरे के प्रभावी प्रबंधन और इसमें कमी लाने के लिए डिपोज़िट रिफंड स्कीम-2025 शुरू करने का भी निर्णय लिया गया।
इस योजना के अंतर्गत उपभोक्ता उत्पाद की कीमत के अलावा रिफंड योग्य जमा राशि का भुगतान करेंगे, जो खाली उत्पाद को वापस करने पर लौटा दी जाएगी।
यह योजना कांच की बोतलों, प्लास्टिक पेय कंटेनरों, एल्यूमीनियम के डिब्बों, तरल पैकेजिंग, लचीली प्लास्टिक पैकेजिंग और बहुस्तरीय पैकेजिंग सहित पैकेजिंग सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला पर लागू होगी। इस योजना को पायलट आधार पर लागू किया जाएगा।
कैबिनेट ने वर्ष 2010 की तर्ज पर पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों और अध्यक्षों के लिए नय सिरे से डि-नोवो आरक्षण रोस्टर शुरू करने को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी प्रदान की।
कैबिनेट में हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम को बेहतर स्रोत प्रबंधन और पर्यावरणीय स्थिरता के उद्देश्य से राज्य के वन क्षेत्रों में स्थित नदियों और तालाबों में लघु खनिजों को एकत्रित करने व ड्रेजिंग ऑपरेशन (गाद निकालने) करने की अनुमति प्रदान की।
कैबिनेट ने सोलन जिला में प्रारम्भिक शिक्षा खंड रामशहर को विभाजित कर बद्दी में एक नया प्रारंभिक शिक्षा खंड स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की। इस खंड के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक पदों को सृजित एवं भरने का निर्णय भी लिया गया है।
बैठक में कांगड़ा जिला के सुलह, भवारना और लम्बागांव तथा हमीरपुर जिला के भोरंज विकास खंडों को पुनर्गठित करने का भी निर्णय लिया गया, ताकि इन क्षेत्रों के लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।