शिमला। हिमाचल में पड़ रही गर्मी से जल स्रोतों में पानी के स्तर में गिरावट आई है। इसके चलते प्रदेश के कई हिस्सों में समस्या आई है। शिमला में भी लोगों को पेयजल की किल्लत से दो चार होना पड़ रहा है। शहर के कई इलाकों में चार-पांच दिन के बाद पानी की सप्लाई दी जा रही, जिससे शहर के लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसके अलावा शहर के उपनगरों में लोग पांच दिन से पानी का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, शिमला जल प्रबंधन निगम का दावा है कि शहर में 2 दिन बाद पानी की सप्लाई आएगी।
शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने भी माना कि शिमला में पानी की समस्या चल रही है। लोगों को तीसरे चौथे दिन पानी दिया जा रहा है। पिछले कुछ दिन से पड़ रही भयंकर गर्मी के कारण जल परियोजनाओं में पानी का स्तर कम हो गया है। अगले साल तक सतलुज से शिमला में पानी आ जाएगा तो पानी की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। इसके अलावा शिमला के शौचालय में भी पीने का ही पानी उपयोग में लाया जाता है। इस पर भी नगर निगम शिमला अलग से पाइप बिछाने की योजना बना रहा है।
उधर, कांगड़ा जिला के देहरा विधानसभा क्षेत्र में पानी की समस्या गहराई हुई है। कई क्षेत्रों में पेयजल की किल्लत से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। जल शक्ति विभाग की मानें तो देहरा डिवीजन में 7 से 8 पेयजल योजनाओं में पानी का स्तर 30 फीसदी कम हो गया है। इसमें हरिपुर, देहरा और सुनहेत क्षेत्र की योजनाएं हैं। सबसे अधिक दिक्कत नकेड़ खड्ड से सप्लाई होने वाले क्षेत्रों में आ रही है। नकेड़ खड्ड पूरी तरह सूखने की कगार पर पहुंच गई है। अगर समय रहते बारिश नहीं होती तो खड्ड बिल्कुल सूख जाएगी।
देहरा जल शक्ति विभाग के एक्सईएन अनीश ठाकुर ने बताया कि हरिपुर, देहरा और सुनहेत सब डिवीजन के तहत 7-8 पेयजल योजनाओं में पानी का स्तर 30 फीसदी तक कम हुआ है। नकेड़ खड्ड के सूखने से ज्यादा दिक्कत है। फिर भी विभाग लोगों को पर्याप्त पेयजल मुहैया उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि पानी की बर्बादी न करें।