शिमला। हिमाचल के जिला सिरमौर के हरिपुरधार तहसील के अंतर्गत राजकीय उच्च पाठशाला बड़ोल में छात्रों की पढ़ाई राम भरोसे ही चल रही है। स्कूल में शिक्षकों की कमी है। हैरानी वाली बात यह है कि करीब एक साल पहले स्कूल में एक हेड मास्टर के ऑर्डर हुए थे, लेकिन उन्होंने मात्र ज्वाइनिंग ही दी। पिछले करीब एक साल से हेड मास्टर साहब हमीरपुर में किसी स्कूल में डेपुटेशन पर सेवाएं दे रहे हैं।
बड़ोल गांव के लोगों ने मांग की है कि हेड मास्टर का डेपुटेशन रद्द किया जाए या फिर पोस्ट को वेकेंट किया जाए।
बता दें कि हरिपुरधार तहसील के अंतर्गत बड़ोल पिछड़े क्षेत्रों में शुमार है। बड़ोल गांव का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार से विधानसभा परिसर मे मिला और अपनी मांगों के बारे मे उन्हें अवगत करवाया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्थानीय निवासी अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि राजकीय उच्च पाठशाला बड़ोल में शिक्षकों की भारी कमी है, जिस वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। वहीं, गांव के लिए जो एक उठाऊ सिंचाई योजना बन रही है, जिसका लगभग 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, वो भी अधर में लटकी हुई है।
वहीं, ग्राम पंचायत बड़ोल के पूर्व उप प्रधान मोहन लाल शर्मा ने बताया कि उनकी पंचायत एक पिछड़ी पंचायत है और यहां की राजकीय उच्च पाठशाला बड़ोल में शिक्षकों की भारी कमी है। यहां पर सरकार द्वारा एक साल पहले एक हेड मास्टर की नियुक्ति की थी। उन्होंने सिर्फ यहां पर आकर अपनी नियुक्ति दी और उसके बाद कभी भी स्कूल नहीं आए। पिछले एक साल से हमीरपुर की किसी राजकीय कन्या उच्च पाठशाला में डेपुटेशन पर अपनी सेवाएं दे रहे है।
मोहनलाल शर्मा ने कहा कि उनकी तनख्वाह आदि सब कुछ बड़ोल स्कूल से जारी होते हैं। हम सरकार से मांग करते हैं कि या तो उनको बड़ोल स्कूल भेजा जाए। या यहां की पोस्ट को वेकेंट किया जाए। उन्होंने पिछले 15 साल से लंबित पड़ी बड़ोल गांव की उठाऊ सिंचाई योजना को भी शीघ्र पूरा करने की मांग रखी।