शिमला। हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय का मामला पिछले करीब 15 साल से लटका हुआ है। 15 साल बाद भी विश्वविद्यालय के कैंपस तैयार नहीं हो पाए हैं। इसमें एक धर्मशाला के जदरांगल तो दूसरा देहरा में बनना है। देहरा में काम जारी है, लेकिन जदरांगल कैंपस का मामला अभी वन भूमि स्थानांतरण में ही अटका हुआ है।
इस बाबत धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सवाल पूछा है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सवाल का जवाब देते हुए बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के जदरांगल कैंपस के लिए केंद्र सरकार द्वारा दो अरब साठ करोड़ दो लाख तीन हजार नौ सो दस रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के उत्तरी परिसर जदरांगल के भवन निर्माण के लिए 57.10 हेक्टेयर वन भूमि को स्थानांतरण करने के लिए वन मंडल अधिकारी धर्मशाला ने 30,03,94,254 रुपए की मांग की थी। इसमें प्रतिपूरक वनरोपण, शुद्ध वर्तमान मूल्य, विभागीय शुल्क और पेड़ों की लागत की कीमत शामिल थी।
वन विभाग द्वारा मांग की गई राशि अधिक होने के कारण मामला उपमंडलाधिकारी नागरिक एवं नोडल अधिकारी केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला और वन मंडल अधिकारी धर्मशाला को मूल्यांकन के मानदंड बताने बारे भेजा गया था।
वन मंडल अधिकारी धर्मशाला ने पुनर्मूल्यांकन के बाद अपना विभागीय मत कुछ समय पहले शिक्षा विभाग को भेजा है, उनका मत है कि वन विभाग द्वारा वर्ष 2023-2024 के लिए हरे-भरे पेड़ों के लिए प्रतिपूरक वनीकरण मानदंड और बाजार दर के अनुसार उपरोक्त राशि का अनुमान लगाया गया है।
विभागीय पत्राचार के आधार पर आवश्यक अतिरिक्त जानकारी एकत्रित करने और मूल्यांकन के मानदंड की समीक्षा प्रक्रिया के कारण अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। उक्त मामले में गुण दोष के आधार पर परीक्षण करके नियमानुसार उचित निर्णय लिया जाएगा।