मंडी। राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (NSIC) प्रशिक्षण केंद्र, रामनगर मंडी में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से वर्ष 2025-26 के लिए विभिन्न निशुल्क कौशल विकास पाठ्यक्रमों में प्रवेश आरंभ कर दिए गए हैं। यह जानकारी केंद्र के मुख्य प्रबंधक लोकेश भाटिया ने दी।
उन्होंने बताया कि NSIC प्रशिक्षण केंद्र मंडी द्वारा कौशल विकास योजना के तहत युवाओं, महिलाओं और उद्यमशील व्यक्तियों को स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर कौशल को बढ़ावा देना और लोगों को रोजगार एवं आजीविका के नए अवसरों से जोड़ना है।
मुख्य प्रबंधक ने कहा कि प्रशिक्षण केंद्र में इस वर्ष कुल छह निशुल्क पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें सेल्फ एम्प्लॉयड टेलर, डिजिटल अकाउंटिंग, डाटा एंट्री एंड ऑफिस असिस्टेंट, क्रोशिया लेस टेलर, बेसिक हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग और बेसिक हैंड एम्ब्रॉयडरी शामिल हैं। इन प्रशिक्षणों की अवधि 15 दिन से लेकर 6 माह तक की रहेगी और न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आठवीं से बारहवीं कक्षा तक निर्धारित की गई है। प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त करने या अपना स्वरोजगार आरंभ करने में सहायता मिलेगी।
उन्होंने बताया कि सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश निशुल्क हैं और इच्छुक अभ्यर्थियों से कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान सभी आवश्यक सामग्री एवं उपकरण एनएसआईसी केंद्र की ओर से उपलब्ध करवाए जाएंगे। इन पाठ्यक्रमों में विशेष रूप से महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सशक्त कर सकें।
मुख्य प्रबंधक लोकेश भाटिया ने बताया कि आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 नवम्बर 2025 निर्धारित की गई है। हालांकि यदि सीटें शेष रहती हैं तो आवेदन 31 दिसम्बर 2025 तक भी स्वीकार किए जाएंगे। अभ्यर्थियों को दो पासपोर्ट आकार के फोटो, आधार कार्ड तथा शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की प्रतिलिपियों सहित आवेदन पत्र जमा करवाना होगा।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण केंद्र मंडी में पूर्व में संचालित कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों से सैकड़ों अभ्यर्थियों ने लाभ उठाया है और आज वे स्वरोजगार शुरू कर चुके हैं। एनएसआईसी का उद्देश्य युवाओं को कौशल आधारित शिक्षा प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहभागी बनाना है।