ऋषि महाजन/नूरपुर। कभी-कभी ज़िंदगी इतनी चुपचाप बिखर जाती है कि उसकी आवाज़ तक नहीं होती। फतेहपुर के तहत धमेटा पंचायत के समकड़ गांव में भी कुछ ऐसी ही खामोशी छोड़ गई 25 वर्षीय पल्लवी। पल्लवी ने साढ़े तीन साल पहले प्रेम से बंधकर जहां नई ज़िंदगी की शुरुआत की थी अब उसी घर में फंदे से लटकी मिली।
रविवार तड़के करीब पौने तीन बजे पुलिस हेल्पलाइन 112 पर सूचना मिली कि समकड़ गांव में एक विवाहिता ने आत्महत्या कर ली है। सूचना मिलते ही थाना फतेहपुर प्रभारी पवन गुप्ता टीम सहित मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच शुरू कर दी।
थाना प्रभारी ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के उपरांत परिजनों को सौंप दिया गया है। प्रारंभिक जांच जारी है।
पल्लवी ने लगभग साढ़े तीन वर्ष पहले प्रेम विवाह किया था। दो साल का एक प्यारा बेटा अब अपनी मां की ममता से वंचित हो गया है। गांव में चर्चा है कि विवाह के बाद से ही पल्लवी के ससुराल में आए दिन तनाव और कहासुनी का माहौल रहता था। कई बार रिश्तेदारों ने बीच-बचाव करने की कोशिश भी की पर बात संभल न सकी।
अब सवाल यही है कि क्या पल्लवी ने वाकई खुद अपनी जान ली या फिर यह एक और दहेज की बलि बन गई? पुलिस ने मामले को संदिग्ध मौत मानते हुए पति पक्ष से पूछताछ शुरू कर दी है।
पल्लवी की मौत ने गांव ही नहीं, पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। हर आंख नम है, हर दिल में एक ही सवाल कब तक बेटियां यूं चुपचाप मौत को गले लगाती रहेंगी?
कभी दहेज, कभी प्रताड़ना, कभी समाज की चुप्पी और बीच में टूटती एक ज़िंदगी।
फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन समकड़ गांव की गलियों में अब भी पल्लवी की अधूरी कहानी गूंज रही है… एक मां की चीखें, एक मासूम की खामोशी और एक बेटी की आखिरी सांस, सब कुछ अब सवाल बन चुका है।