रेखा चंदेल/झंडूता। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के घुमारवीं शहर के दस परिवार डर के साए में जीने को मजबूर हैं। इनके घर गिरने की कगार पर हैं। लोगों ने इसके लिए बाईपास निर्माण को जिम्मेदार ठहराया है।
बता दें कि घुमारवीं शहर के बीचों- बीच स्थित पुराने बस अड्डे के नीचे की तरफ और सीर खड्ड के तट के साथ ऊपर की ओर लगभग दस परिवारों के घर गिरने की कगार पर हैं। इन घरों में रह रहे लोगों के अनुसार लगभग चार साल पहले घरों के नीचे से सीर खड्ड के साथ लगती भूमि से बाईपास सड़क निर्माण का कार्य आरंभ हुआ था।
तब इन लोगों ने प्रशासन को चेताया था कि जब नीचे से खुदाई होगी होगी तो इन लोगों के घरों को खतरा हो जाएगा, लेकिन इनके अनुसार प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया था कि खुदाई के एक दम बाद उनके घरों के नीचे डंगे लगा दिए जाएंगे।
सड़क निर्माण का कार्य हुआ, लेकिन विभाग द्वारा डंगे नहीं लगाए गए। साथ ही वहां सीवरेज लाइन का भी काम किया गया, जिसके कारण भी खुदाई का कार्य हुआ, जिससे भूस्खलन हुआ। अब स्थिति यह है कि भारी बारिश के कारण ये घर खतरे की जद्द में आ गए हैं और प्रशासन इन्हें अपने घरों को खाली करने को कह रहा है।
इन लोगों का कहना है कि हम 60-70 लोग इन घरों में रह रहे हैं। घरों के अंदर बहुत ज्यादा सामान है, जिसको कहीं और ले जाना कोई आसान कार्य नहीं हैं।
साथ ही हमारे पास कहीं और जाने का कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि हमारे बुजुर्ग यहीं पर अस्सी से अधिक वर्ष के लंबे अरसे से रह रहे थे और कहीं और उनके पास रहने लायक कोई जगह नहीं है। अब प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द दहशत में जी रहे इन परिवारों की सुरक्षा का कोई इंतजाम किया जाए और इन्हें इस डर के वातावरण से राहत मिल पाए।