ऋषि महाजन/नूरपुर। हिमाचल प्रदेश में मूसलधार बारिश और बाढ़ के हालात के बीच राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सैकड़ों लोगों की जान बचाई।
26 व 27 अगस्त की रात को चलाए गए इस अभियान में कांगड़ा व चंबा जिलों से सैकड़ों फंसे नागरिकों और हज़ारों तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस पूरे अभियान का नेतृत्व बलजिंदर सिंह, कमांडेंट 14वीं बटालियन एनडीआरएफ ने किया।
बता दें कि 26 व 27 अगस्त की रात अचानक ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से अरनी यूनिवर्सिटी, इंदौरा का परिसर डूब गया। यूनिवर्सिटी में सैकड़ों छात्र-छात्राएं और स्टाफ फंस गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम इंदौरा सुरेन्द्र ठाकुर ने एनडीआरएफ से मदद मांगी।
एनडीआरएफ की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और कठिन हालात के बीच 412 विद्यार्थियों और 15 स्टाफ सहित कुल 427 लोगों को सुरक्षित निकाला। यह रेस्क्यू ऑपरेशन रात 2:05 बजे तक चला।
अगले दिन 27 अगस्त को भी टीम ने अभियान जारी रखा और यूनिवर्सिटी परिसर से 26 और लोगों में 19 पुरुष, 7 महिलाएं को सुरक्षित बाहर लाया। इस ऑपरेशन की कमान ललित मोहन सिंह, डिप्टी कमांडेंट 14वीं बटालियन एनडीआरएफ ने संभाली।
इसी दौरान इंदौरा उपमंडल के मंड और सनोअर क्षेत्रों में बाढ़ से फंसे 15 ग्रामीणों 8 महिलाएं, 4 पुरुष और 3 बच्चेको भी टीम ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
इसके अलावा 27 अगस्त 2025 को NDRF टीम, हिमाचल प्रदेश पुलिस एवं प्रशासन के साथ गौरीकुंड से 11:45 बजे धनचो पहुंची जहां श्री मणिमहेश जी यात्रा के दौरान अनेक यात्री फँसे हुए थे। टीम ने वहां अस्थायी पैदल पुल बनाया तथा सुरक्षा हेतु रस्सियों का सहारा प्रदान किया।
निरंतर प्रयासों से टीम ने 3,269 तीर्थयात्रियों (1,730 पुरुष, 1,259 महिलाएं एवं 280 बच्चे) को सुरक्षित पार कराया। सभी यात्रियों को सुरक्षित रूप से दुनाली की ओर भेजा गया, जहां से अन्य दलों की सहायता से उन्हें हड़सर की ओर सुरक्षित निकाला गया।