प्रागपुर। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के अवसर पर शनिवार को नाबार्ड के नेतृत्व और स्वाभिमान फाउंडेशन के सहयोग से जिला कांगड़ा के चनौर, प्रागपुर में एक प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कांगड़ा ज़िले की 100 से अधिक महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
"March Forward: From Promises to Progress" के थीम के तहत यह आयोजन महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में नाबार्ड के समर्पण का प्रमाण है। कार्यक्रम का संचालन कुशलता से रितेश अग्रवाल, स्वाभिमान फ़ाउंडेशन ने किया।
मुख्य अतिथि, गरिमा (निदेशक, पीएनबी-आरसेटीआई, कांगड़ा) ने महिला सशक्तिकरण के प्रयासों की सराहना की और उनके आत्मनिर्भर बनने के लिए पीएनबी-आरसेटीआई द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। हिमांशु साहू, डीडीएम, नाबार्ड, कांगड़ा ने महिलाओं को नाबार्ड की योजनाओं और उनके लाभों के बारे में जागरूक किया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना देश के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। नीलम ने महिलाओं को वित्तीय समावेशन और स्थायी विकास की ओर प्रेरित किया। उन्होंने KCCB द्वारा स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और ज्वाइंट लायबिलिटी ग्रुप्स (JLGs) के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन प्रदान करने के प्रयासों को साझा किया।श्री तिलक, जिला उद्योग केंद्र (DIC), प्रागपुर ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि 2008 से शुरू की गई इस योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 2008-09 से 2023-24 तक, PMEGP ने देशभर में कुल 80.52 लाख रोजगार अवसर सृजित किए हैं। उन्होने सभी महिलाओं को प्रेरणा देते हुए कहा कि वे भी इस योजना से जुड़ कर देश कि प्रगति में हाथ बटा सकती हैं।
कार्यक्रम में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के सिद्धार्थ थापा ने वित्तीय साक्षरता पर एक महत्वपूर्ण सत्र लिया। उन्होंने बैंकिंग सेवाओं की सुलभता, डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा और बचत के महत्व पर प्रकाश डाला । सत्र में बैंकिंग और वित्तीय उत्पादों, नियमित बचत की आदत, विभिन्न प्रकार के निवेश विकल्पों और धोखाधड़ी से बचाव के उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई ।
थापा ने डाकघर बचत खातों और IPPB के विशेष उत्पादों के बारे में भी बताया, जो विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं की वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए हैं । इस सत्र में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और वित्तीय प्रबंधन से जुड़े विभिन्न प्रश्न पूछे।
कार्यक्रम में महिलाओं को प्रेरित करने और जागरूक करने के उद्देश्य से कई आकर्षक गतिविधियों का आयोजन किया गया। स्थानीय महिला उद्यमियों ने अपने हस्तशिल्प एवं खाद्य उत्पादों की प्रदर्शनी के माध्यम से अपनी प्रतिभा और उद्यमशीलता का प्रदर्शन किया, जो अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी। रंगोली और मेहंदी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जिनमें रचनात्मकता और कला के अद्भुत प्रदर्शन हुए।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने माहौल को और जीवंत बना दिया, जहां महिलाओं ने अपनी कला और संस्कृति से सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर सफल महिला उद्यमियों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया। अंत में, प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, जो न केवल उनके कौशल का सम्मान था बल्कि उनकी मेहनत का सराहनीय परिणाम भी।
इस कार्यक्रम में महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके लिए उपलब्ध अवसरों पर चर्चा करते हुए, जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड, हिमांशु साहू ने कई सफल पहलों को प्रस्तुत किया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का यह आयोजन महिलाओं की विचारशीलता, आत्मनिर्भरता और सामूहिक प्रगति की दिशा में एक और मजबूत मील का पत्थर साबित हुआ।