ऋषि महाजन/नूरपुर। पूर्व की जयराम सरकार में वन और खेल मंत्री रहे राकेश पठानिया ने पौंग बांध का पानी छोड़े जाने से प्रभावित निचले क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान पूर्व वन एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने सरकार और प्रशासन पर कड़ी नाराजगी जताई।
उन्होंने घर से बेघर हुए लोगों और स्थानीय निवासियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं तथा जमीनों और फसलों का जायजा लिया। प्रभावित परिवार राहत की उम्मीद में उनके आसपास इकट्ठा हो गए।
पठानिया ने आरोप लगाया कि 2023 में मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने राहत देने और विकास कार्य करने के बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन आज तक न तो राहत राशि दी गई, न पुल बने, न ही सड़कों की मरम्मत हुई। उन्होंने कहा कि सुविधाएं तो दूर, लोगों की उम्मीदें भी टूट चुकी हैं।
पूर्व मंत्री ने प्रभावित परिवारों को दिए जा रहे राशन की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि आटे में लुड़ियां (कीड़े) पड़ी हैं और एक दाल के अलावा कोई दूसरी सामग्री उपलब्ध नहीं करवाई गई। जरूरी चीजें तक नहीं दी जा रहीं।
पठानिया ने कहा कि जब तक पौंग बांध का चैनलाइजेशन नहीं किया जाएगा, तब तक हर साल निचले क्षेत्र जलभराव और बाढ़ से प्रभावित होते रहेंगे।
उन्होंने याद दिलाया कि 2023 में भी यही स्थिति बनी थी और नेताओं ने यहां आकर शिलान्यास और वादे किए थे, मगर सब केवल कागजों तक सीमित रह गए।
उन्होंने अवैध खनन को बाढ़ और कटाव का बड़ा कारण बताया। उनके अनुसार, ब्यास नदी किनारे हुए खनन से लोगों की जमीन और घरों को भारी नुकसान पहुंचा है।
पठानिया ने भरोसा दिलाया कि भाजपा की सरकार बनने पर डीपीआर तैयार कर चैनलाइजेशन का काम शुरू किया जाएगा, जिससे प्रभावित क्षेत्रों को स्थायी राहत मिल सके।