आनी। हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर जारी है। लगातार जारी बारिश से जगह-जगह भूस्खलन, बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जनजातीय जिला किन्नौर के लिप्पा में शुक्रवार सुबह बादल फटा जिसके कारण भारी नुकसान हुआ है।
बादल फटने से आई बाढ़ में बगीचे बह गए। सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हुई। बादल फटने के बाद दो लोग भी लापता थे लेकिन बाद में दोनों सुरक्षित मिल गए।
वहीं, आनी के लोअर पटारना गांव में तीन मकान भूस्खलन की चपेट में आने से दो महिलाओं के लापता होने की सूचना है। भूस्खलन की चपेट में कुछ मवेशी भी आए हैं। राहत व बचाव कार्य जारी है।
आनी में रात से भारी बारिश हो रही है, जिससे अधिकतर ग्रामीण सड़कें भूस्खलन से ठप हो गई हैं। प्रशासन ने सभी शिक्षण संस्थानों में छुट्टी घोषित की है। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन से कई मकान खतरे की जद पर पहुंच चुके हैं।
आनी तहसील के लोअर पटारना गांव में बीती रात भारी बारिश के कारण भयंकर भूस्खलन हुआ, जिसमें तीन मकान पूरी तरह से मलबे की चपेट में आ गए। इस हादसे में दो महिलाओं के मलबे में दब जाने की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय प्रशासन और राहत टीम मौके पर पहुंच चुकी हैं और मलबा हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
स्थानीय लोगों के अनुसार शुक्रवार देर रात से हो रही लगातार बारिश के कारण पहाड़ी से मलबा खिसककर अचानक नीचे आ गिरा, जिससे 3 रिहायशी मकान पूरी तरह से ढह गए। वहीं 2 महिलाएं इस भूस्खलन के बाद से लापता हैं और उन्हें खोजने का प्रयास जारी है।
इस हादसे में कुछ मवेशियों के भी दबे होने की सूचना है। ग्रामीणों और स्थानीय प्रशासन की टीमों ने राहत कार्य में जुटे हुए हैं, लेकिन पहाड़ी इलाका और लगातार गिर रही बारिश राहत कार्यों में काफी बाधा पहुंचा रही है।
बारिश की वजह से क्षेत्र की अधिकतर ग्रामीण सड़कें पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं। कई जगहों पर मिट्टी और पत्थर सड़कों पर जमा हो गए हैं, जिससे बाहर से मदद पहुंचाना भी मुश्किल हो रहा है। प्रशासन ने हालात को देखते हुए शनिवार को क्षेत्र के सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया है ताकि बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस बीच, प्रशासन ने गांव के अन्य मकानों को भी खाली करवाना शुरू कर दिया है, जो अब भूस्खलन की संभावित सीमा में आ चुके हैं। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थाई रूप से शिफ्ट किया जा रहा है। इसके अलावा क्षेत्र में मौजूद जोखिम भरे अन्य इलाकों की निगरानी भी बढ़ा दी गई है।