शिमला। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला में पिछले तीन दिन में भारी तबाही हुई है। मोबाइल नेटवर्क बंद है सड़कों के हाल भी बेहद खराब है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु भरमौर, हंडसर, और मणिमहेश के रास्ते पर फंसे हुए हैं।
इसी बीच मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के बयान ने यहां पर हुई जन हानि की भी पुष्टि कर दी है। हालांकि, जन हानि का सही आंकड़ा क्या है इसे लेकर कोई खुलासा नहीं किया गया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने लगातार बारिश के कारण पिछले 72 घंटों के दौरान चंबा जिले में हुई जन हानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ है और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिवारजनों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
सुक्खू ने चंबा जिला प्रशासन को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क को प्राथमिकता के आधार पर बहाल करने के निर्देश दिए हैं ताकि लोगों को भूस्खलन, अचानक बाढ़ आदि के कारण और अधिक परेशानी नहीं उठानी पड़े। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में जलापूर्ति योजनाओं की तत्काल मरम्मत के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुचारू रूप से जारी रखी जाए ताकि लोगों को इन वस्तुओं की कमी का सामना न करना पड़े।
गौर हो कि भरमौर, हंडसर, और मणिमहेश के रास्ते पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु फंसे हुए हैं। यात्रा को फिलहाल, स्थगित कर दिया गया है। वहीं, अब एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला है औऱ मणिमहेश यात्रा में बड़ा रेस्क्यू अभियान शुरू किया है।
14वीं बटालियन एनडीआरएफ की टीम ने चंबा जिले के भरमौर के हंडरस के ऊपर मणिमहेश के रास्ते पर धन्छो में अस्थायी फुटब्रिज और रस्सियों की मदद से सुरक्षित मार्ग तैयार किया। टीम ने पर्वतारोहण उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए कठिन हालात में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाला।
एनडीआरफ ने बताया कि कुल 3,269 श्रद्धालुओं को सुरक्षित रूप से हड़सर (चंबा) की ओर निकाला गया. इनमें 1,730 पुरुष, 1,259 महिलाएं और 280 बच्चे शामिल थे।
मणिमहेश यात्रा के दौरान जगह-जगह भूस्खलन रास्ते पूरी तरह से टूट चुके हैं। फिलहाल, चंबा में मणिमहेश के लिए हवाई सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। कंपनी ने अपने हेलीकॉप्टर वापस भेज दिए हैं। केवल एक हेलीकॉप्टर रुका हुआ है। सुंदरसी सहित कई स्थानों पर भूस्खलन से रास्ते बंद हैं। भरमौर के होली के सलून गांव में भूमि कटाव से करीब 9 घर रावी नदी में गिरे हैं औऱ पूरा गांव खत्म होने की कगार पर है।