हरिपुर। देहरा विधानसभा क्षेत्र के हरिपुर में मां संतोषी मंदिर जंगल में लगी आग ने कॉलेज में आपदा प्रबंधन की पोल खोल दी है। कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों और स्टॉफ की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिया है।
बता दें कि हरिपुर कॉलेज मां संतोषी मंदिर पहाड़ी के बिल्कुल नीचे हैं। यानी जंगल के पास है या ऐसा कहें जंगल में ही है तो भी ग़लत न होगा।
कॉलेज के रास्ते में एक जगह बड़ा पत्थर पड़ा हुआ है, जोकि काफी समय से वहीं ही पड़ा है। इसे हटाया ही नहीं गया है। वहीं, एक जगह कंक्रीट सड़क भी बैठ गई है।
ऐसे में जंगल में भड़की आग को बुझाने के लिए जब फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची तो कॉलेज के रास्ते में फंस गई।
आग लगने के स्थल से मात्र दो सौ तीन सौ मीटर दूर पहुंच जाने के बाद भी गाड़ी को वहां तक पहुंचने में आधे घंटे से अधिक समय लग गया। ऐसे बड़ा सवाल है कि अगर कॉलेज में कोई आपात स्थिति पैदा होती है तो क्या होगा।
कॉलेज का रास्ता काफी तंग है। यहां छोटी गाड़ियां ही मुश्किल से गुजर पाती हैं। वहीं, अगर फायर ब्रिगेड की गाड़ी के मौके पहुंचने में और देरी होती या नहीं पहुंच पाती तो कॉलेज बिल्डिंग भी आग की चपेट में आ जाती और बिल्डिंग जलने 11 करोड़ से अधिक सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचता।
यह तो फायर कर्मियों की हिम्मत थी कि कड़ी मशक्कत से रास्ते से बाधा दूर कर गाड़ी को मौके पर पहुंचाया और आग को आगे बढ़ने से रोका।
अपने पिछले कार्यकाल के दौरान हरिपुर दौरे पर आए पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने कॉलेज निर्माण स्थल को लेकर आपत्ति जताई थी। उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि जगह का चयन करने वालों को सम्मानित करना चाहिए। उन्होंने छात्रों की सुरक्षा, खासकर लड़कियों की सुरक्षा आदि को लेकर यह बात कही थी।