कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश की नालागढ़, हमीरपुर और देहरा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू चुकी है जो कि शाम 6 बजे तक चलेगी। इन 3 सीटों पर 13 उम्मीदवार हैं जिनके चुनाव के लिए 2.59 लाख मतदाता मतदान करेंगे।
इन तीनों सीटों पर पूर्व निर्दलीय विधायकों द्वारा इस्तीफे देने की वजह से उप चुनाव हो रहा है। निर्दलीय विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को वोट देने के बाद अपने पदों से 15 महीने बाद ही इस्तीफा दे दिया था।
इन्होंने बीते 22 मार्च को अपने पदों से इस्तीफा दिया और 23 मार्च को दिल्ली में बीजेपी जॉइन कर दी। भाजपा ने भी तीनों को उप चुनाव में टिकट दिया है। तीनों सीटों पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में है। देहरा व नालागढ़ में पांच-पांच और हमीरपुर में तीन उम्मीदवार मैदान में है।
सबकी नजरें देहरा सीट के उपचुनाव पर हैं। जहां से सुखविंदर सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर चुनाव लड़ रही हैं। उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार होशियार सिंह से होगा।
मूल रूप से कमलेश ठाकुर हमीरपुर जिले के नादौन की रहने वाली हैं। मगर, कांग्रेस ने उन्हें कांगड़ा जिला की देहरा सीट से प्रत्याशी बनाया है, क्योंकि देहरा के साथ लगते जसवां-परागपुर में कमलेश ठाकुर का मायका है।
हमीरपुर सीट पर BJP के आशीष शर्मा (37), कांग्रेस के डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा (48) तथा निर्दलीय प्रत्याशी नंद लाल शर्मा (64) चुनावी मैदान में है।
उधर, नालागढ़ में कांग्रेस के बावा हरदीप सिंह (44), बीजेपी के केएल ठाकुर (64), स्वाभिमान पार्टी के किशोरी लाल शर्मा (46) तथा निर्दलीय प्रत्याशी हरप्रीत सिंह (36) व विजय सिंह (36) चुनावी मैदान में है।
यहां पर भी मुख्य मुकाबला कांग्रेस भाजपा में है। मगर बागी एवं निर्दलीय हरप्रीत सिंह ने मुकाबले को रोचक बनाया है।
प्रदेश की तीनों सीटों पर मतदान के लिए 315 मतदान केंद्र बनाए गए है। इनमें 23 केंद्र संवेदनशील है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनीष गर्ग ने बताया कि चुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार मतदान से पहले मतदाताओं के बाएं हाथ की तर्जनी अंगुली पर स्याही लगाई जाती है। लेकिन इस बार उपचुनाव में बाएं हाथ की मध्यमा अंगुली पर स्याही लगाई जाएगी, क्योंकि प्रदेश में एक जून को हुए लोकसभा और छह विधानसभा उपचुनावों के दौरान लगाई गई स्याही अभी तक कई लोगों की नहीं मिट पाई है।
हिमाचल विधानसभा विधानसभा में फिलहाल 65 में से 38 विधायक कांग्रेस के पास है, जबकि बीजेपी के पास 27 एमएलए है। 13 जुलाई को होने वाली मतगणना तय करेगी की उप चुनाव वाली तीन सीटों पर सत्तारूढ़ कांग्रेस या बीजेपी की जीत होती है।