शिमला। हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) के गणित विभाग में लगे दो प्रोफेसर को अयोग्य घोषित कर दिया है। कोर्ट ने विश्वविद्यालय में पूर्व की भाजपा सरकार के समय हुई भर्तियों में गड़बड़ी के मामले में ये अहम फैसला सुनाया है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में कोविड काल के समय 2019-20 में पूर्व कुलपति सिकंदर कुमार द्वारा विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भर्तियों को करवाया गया था।
उसके बाद छात्र संगठनों ने इन भर्तियों पर सवाल उठाए थे और यह आरोप लगाया था कि इन भर्तियों में काफी बड़े स्तर पर भर्ती प्रक्रिया को अनदेखा किया गया है।
एनएसयूआई (NSUI) उपाध्यक्ष वीनू मेहता ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार के कार्यकाल में कोरोना काल के दौरान HPU में बड़े स्तर पर भर्ती नियमों को दरकिनार कर शिक्षकों और गैर शिक्षकों को भर्ती किया गया।
उन्होंने कहा कि छात्र संगठन इसके खिलाफ लगातार आवाज उठाता रहा जिसके बाद अब उच्च न्यायालय ने दो प्रोफेसर को अयोग्य घोषित किया है।
यह उन लोगों के साथ न्याय है जो गड़बड़ी के चलते बाहर हो गए थे। वीनू मेहता ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार में HPU के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने नियमों को दरकिनार कर अपने बेटे को पीएचडी में दाखिला करवाया और आरएसएस से जुड़े लोगों को विश्वविद्यालय में नौकरियां दी गई।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में ढाई सौ के करीब और इसी तरह फर्जी तरीके से नियुक्तियां हुई हैं जिस पर इसी तरह कार्रवाई की जानी चाहिए।