शिरगुल महाराज की अनुमति के बाद चूड़धार चोटी पर हेलीकॉप्टर की सफल लैंडिंग
ewn24news choice of himachal 29 Nov,2023 9:31 pm
कालाबाग में किया गया है हेलीपैड का निर्माण
शिमला। शिरगुल महाराज की तपोस्थली चूड़धार चोटी पर बुधवार को पहली बार हेलीकॉप्टर की सफल लैंडिंग हुई। कालाबाग में हेलीपैड का निर्माण कार्य किया गया है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद आज सुबह ट्रायल के लिए शिमला से एक हेलीकॉप्टर चूड़धार पहुंचा।
कालाबाग में बने नए हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर की सफल लैंडिग हुई। हालांकि, कुछ वर्ष पहले हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया है, लेकिन लैंडिंग नहीं हुई थी।
शिमला प्रशासन के प्रयासों से ये ट्रायल सफल रहा। लैंडिंग से पहले चूड़धार में विराजमान शिरगुल महाराज से भी अनुमति ली गई।
शिमला हेलीपोर्ट से उड़ान भरने के बाद हेलीकॉप्टर चूड़धार चोटी के कालाबाग में करीब 12 से 15 मिनट में लैंड हो गया। सुबह नौ बजे के आसपास टेक ऑफ किया गया था। मंदिर में करीब दो घंटे बिताने के बाद प्रशासन वापस शिमला लौटा था।
कांग्रेस के संगठन मंत्री रजनीश खिमटा ने एक निजी कंपनी का चौपर हायर किया था। शिमला से चूड़धार की उड़ान में डीसी आदित्य नेगी, चौपाल के एसडीएम नारायण सिंह चौहान, कांग्रेस के संगठन महामंत्री रजनीश खिमटा व डीएफओ भी शामिल थे। छह सीटर चौपर का ट्रायल सफल हुआ है।
ट्रायल के सफल होने के बाद प्रशासन जल्द ही श्रद्धालुओं के लिए भी चौपर सुविधा उपलब्ध करवाने की तैयारी में जुट सकता है। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अगले सीजन से श्रद्धालुओं को हवाई यात्रा रियायती दरों पर उपलब्ध हो सकती हैं।
इसके लिए दो बिंदुओं पर कार्य हो रहा है। पहला प्रयास ये है कि छह-छह सीटर दो चौपर को लैंड करने की व्यवस्था हो। दूसरी कोशिश ये है कि बड़े हेलीकॉप्टर को उतारा जा सके।
चूड़धार चोटी तक पहुंचने के लिए दो मुख्य पैदल रास्ते हैं। सिरमौर के नौहराधार से करीब 16 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई से चूड़धार पहुंचा जा सकता है।
वहीं, दूसरी तरफ चौपाल के सरांह से भी 8-10 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई है। सरांह से पुलबाहल तक सड़क के निर्माण से पैदल दूरी काफी घट भी गई है। तकरीबन 11 से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर चूड़धार में स्थित शिरगुल महाराज के प्राचीन मंदिर को जीर्णोद्धार के बाद नया स्वरूप प्रदान करने का कार्य भी पूरा हो चुका है।