Breaking News

  • हिमाचल : 5 फरवरी को आंधी, बिजली गिरने का अलर्ट, दो दिन घने कोहरे की चेतावनी
  • नूरपुर : फ्री किताबें, वर्दी, स्मार्ट क्लासरूम, फिर भी खाली क्यों सरकारी प्राइमरी स्कूल
  • सुजुकी मोटर कंपनी में 200 पदों पर भर्ती, ITI मंडी में होंगे इंटरव्यू
  • हिमाचल में बिगड़ा मौसम : पहाड़ों पर बर्फ, कांगड़ा सहित निचले इलाकों में बारिश
  • तीखे मोड़ पर बिगड़ा बैलेंस, चंडीगढ़-मनाली NH पर पर्यटकों की कार दुर्घटनाग्रस्त
  • शिवरात्रि महोत्सव मंडी : बड़ा देव कमरूनाग को दिया गया पहला न्यून्द्रा
  • लंबलू के उपभोक्ता 10 फरवरी तक बिजली बिल जमा करवाएं
  • हिमाचल : विधायक प्राथमिकताओं की बैठक का विपक्ष ने किया बहिष्कार
  • कांगड़ा और कुल्लू के विधायकों की ये प्राथमिकताएं, जानें क्या रखी मांगें
  • 216 देवी-देवताओं को शिवरात्रि का न्यूंदरा : मंडी कलम शैली से तैयार ये खास निमंत्रण-पत्र

शिमला : तारादेवी मंदिर में टौर के पत्तल में परोसा गया लंगर

ewn24 news choice of himachal 14 Jul,2024 3:52 pm

     जिला के सभी मंदिरों में हरी पत्तल में लंगर परोसने की है योजना


    शिमला।
    राजधानी शिमला स्थित ऐतिहासिक तारादेवी मंदिर में आज श्रद्धालुओं को लंगर टौर के पत्तल में परोसा गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने बताया कि अपनी संस्कृति और धरोहर को सहेजने की दिशा में संतुलित पर्यावरण के लिए तारादेवी मंदिर में टौर के पत्तों से तैयार पत्तल में लंगर परोसा जा रहा है।

    उन्होंने कहा कि जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण के आधीन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सुन्नी खंड में कार्य कर रहे सक्षम क्लस्टर लेवल फेडरेशन को यह पत्तल बनाने का जिम्मा दिया गया है। उन्हें प्रथम चरण में पांच हजार पत्तल बनाने का ऑर्डर दिया गया था।

    हरिपुर : दोसड़का पहुंचीं कमलेश ठाकुर, लोगों ने किया जोरदार स्वागत  



    उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में तथा स्वयं सहायता समूहों को रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से प्रयास कर रहा है।

    उक्त फेडरेशन में 2900 से अधिक महिलाएं पत्तल बनाने का काम करती है, लेकिन पत्तलों की डिमांड कम होने के कारण उत्पादन अधिक नहीं करते थे। 


    हमीरपुर : आशीष शर्मा की जीत पर अनुराग ठाकुर ने दी बधाई, क्या बोले पढ़ें



    इस दिशा में अब प्रशासन ने फैसला लिया है कि जिला के सभी मंदिरों में हरी पत्तल में लंगर परोसा जाएगा। ऐसे में प्रथम चरण में तारादेवी मंदिर से शुरुआत की गई है।

    उन्होंने कहा कि हरी पत्तल पर्यावरण को बचाने के लिए बहुत मददगार साबित होगी क्योंकि अन्य पेड़ों के पत्तों की तरह टौर के पत्ते भी गड्ढे में डालने से दो से तीन दिन के अंदर गल सड़ जाते हैं। लोग इसका उपयोग खेतों में खाद के रूप में भी करते हैं।


    शिमला : ओक ओवर में फोड़े पटाखे, बांटी मिठाइयां 

     

    टौर की पत्तल की क्या है खूबियां


    टौर की बेल कचनार परिवार से ही संबंधित है और इसमें औषधीय गुण को लेकर भी कई तत्व पाए जाते हैं। इससे भूख बढ़ाने में भी सहायता मिलती है। एक तरफ से मुलायम होने वाले टौर के पत्ते को नैपकिन के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। 

    टौर के पत्ते शांतिदायक व लसदार होते हैं। यही वजह है इनसे बनी पत्तलों पर भोजन खाने का आनंद मिलता है। अन्य पेड़ों के पत्तों की तरह टौर के पत्ते भी गड्ढे में डालने से दो से तीन दिन के अंदर गल सड़ जाते हैं। लोग इसका उपयोग खेतों में खाद के रूप में भी करते हैं।

    टौर के पत्तों से बनी पत्तलों से मिलेगा रोजगार


    हरी पत्तल पर्यावरण को बचाने के लिए बहुत मददगार साबित होगी। इतना ही नहीं इससे गरीबों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। सक्षम कलस्टर लेवल फेडरेशन को बढ़ावा देने का उद्देश्य अन्य स्वयं सहायता समूहों को भी इस ओर प्रेरित करना है। प्रदेश में प्लास्टिक से बनी पतली, गिलास और चम्मच के उपयोग पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए है।

    हिमाचल के जुड़ी हर बड़ी खबर पाएं अपने फोन पर, जुड़िए हमारे WhatsApp ग्रुप के साथ 


    हिमाचल कैबिनेट : इन्हें नहीं मिलेगा 125 यूनिट फ्री बिजली का लाभ

    300 यूनिट फ्री बिजली देने का था वादा 125 यूनिट में भी कट : जयराम ठाकुर  

    राशन कार्ड से जुड़ेगा बिजली मीटर, जानें कैबिनेट के पूरे फैसले  

    हिमाचल कैबिनेट : शिक्षकों के 486, पुलिस ऑफिशियल के 60 पदों सहित इन पोस्टों पर भर्ती को हरी झंडी



Himachal Latest

Live video

Jobs/Career

Trending News

  • Crime

  • Accident

  • Politics

  • Education

  • Exam

  • Weather