शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने प्रदेश वासियों को बड़ा झटका दिया है। शिमला सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में 125 फ्री बिजली पर सरकार ने कुछ बंदिशें लगा दी हैं और इसके पीछे राज्य के आर्थिक स्थिति का हवाला दिया है।
मंत्रीमंडल ने फ्री बिजली के दायरे से सीएम, पूर्व सीएम, मंत्री, एमएलए, विभागों के चेयरमैन, क्लास वन, टू अधिकारी, A और बी कैटगिरी के ठेकेदार और करदाताओं को मुफ्त बिजली से बाहर कर दिया है।
हालांकि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले 300 यूनिट फ्री बिजली देने की गारंटी दी थी लेकिन अब 125 यूनिट बिजली भी फ्री नहीं दे पा रही है।
सरकार के इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री व नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार ने आम जनता को मिलने वाली फ्री बिजली पर कट लगा दिया है जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
भाजपा ने ग़रीबों के लिए मुफ्त बिजली का प्रावधान किया था लेकिन सुक्खू सरकार ने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के वादे के विपरीत 128 यूनिट फ्री बिजली भी बंद कर दी है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस इसी तरह की तानाशाही के लिए जानी जाती है। प्रदेशवासियों के साथ की गई यह तानाशाही दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
चुनाव में जो पार्टी सरकार बनने पर 300 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा करके सत्ता में आई हो वह सरकार में आने पर पहले से मिल रही 125 यूनिट की सब्सिडी को भी छीन ले यह सिर्फ़ प्रदेश के लोगों के सिर्फ़ एक ठगी है।
चुनाव के ठीक एक दिन बाद द्वारा यह फैसला लेना सरकार की शातिराना नीयत को दिखाता है। प्रदेश सरकार इसी तरह से फिर काम करेगी।
उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस द्वारा जारी की गई गारंटी पर कहा था कि कांग्रेस सरकार दस जन्म में भी यह पूरी नहीं कर पाएगी। वही पहले दिन से ही हो रहा है। झूठ बोलकर सत्ता में आना और झूठ बोलकर सत्ता चलाना ही कांग्रेस की फ़ितरत है और वह वही कर रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मैंने प्रदेश के लोगों को दो हफ़्ते पहले ही आगाह कर दिया था कि सरकार फ्री बिजली ली सब्सिडी बंद करने जा रही है। बस उप-चुनाव खत्म होने का इंतज़ार है। आगे चलकर यह सरकार ओपीएस पर भी ऐसा ही करने वाली है।
सुक्खू सरकार ओपीएस के मूल ढाँचे में बदलाव करके पेंशन के रूप में अंतिम वेतन का 30 प्रतिशत करने वाली है। इसके बारे में भी मैंने पहले ही आगाह किया है। सरकार की इस तानाशाह की क़ीमत उन्हें चुकानी पड़ेगी। भाजपा इस तानाशाही के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी और कांग्रेस के मनवाने और झूठ बोलने के रवैये के ख़िलाफ़ जन आंदोलन करेगी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब एक एक कर सब कुछ सामने आ रहा है। एक लाख युवाओं को हर साल रोजगार देने की गारंटी थी और सत्ता में आते ही 10 हज़ार से ज्यादा आउटसोर्स कर्मी को बाहर कर दिया। स्टार्टअप योजना के तहत युवाओं को रोजगार देने की गारंटी दी थी लेकिन पहले से चल रही स्वावलंबन योजना को बंद कर दिया।
प्रदेश के विकास का वादा था लेकिन डेढ़ साल में धेले भर का काम सुक्खू सरकार ने नहीं किया। नई संस्थान खोलने के बजाय पहले से चल रहे लगभग डेढ़ हज़ार संस्थानों को बंद कर दिया। हिमाचल में सुक्खू सरकार का मतलब झूठ की सरकार, फ़रेब की सरकार, ठगी की सरकार। प्रदेश में अब ऐसी सरकार की ज़रूरत नहीं रह गई है।