रेखा चंदेल/झंडूता। बिलासपुर जिला के उपमंडल झंडूता के सिविल हॉस्पिटल बरठीं की हालत तो खस्ता है ही, अस्पताल को आती सड़क भी किसी परेशानी से कम नहीं है। करीब 88 वर्ष पहले अस्तित्व में आई इस सड़क की वर्तमान में हालत बद से बदतर हो चुकी है।
लोग कई बार सड़क की मरम्मत को आवाज उठा चुके हैं, लेकिन किसी भी सरकार और प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है। लोगों का कहना है कि तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी भी कई बार यहां से गुजरे हैं, लेकिन उन्हें भी लोगों की यह समस्या दिखी नहीं है। सड़क की खस्ता हालत होने से अस्पताल आने वाले मरीजों को ज्यादा दिक्कत होती है।
बता दें कि सिविल अस्पताल बरठीं क्षेत्र की करीब 35 से 40 पंचायतों की 40 हजार आबादी को कवर करता है। सिविल अस्पताल बरठीं की स्थापना 1937 में राजा आनंद चंद ने की थी। सड़क भी तभी से अस्तित्व में आई थी। अभी सड़क की हालत खस्ता है।
सड़क पर पड़े गड्ढे लोगों की परेशानी बढ़ा रहे हैं। सेवानिवृत्त प्रिंसिपल धीमान और अन्य लोगों का कहना है कि कई बार सड़क की समस्या के बारे शासन और प्रशासन को अवगत करवाया, लेकिन किसी ने सुध तक न ली।
नेता यहां कार्यक्रम में आते हैं तो लोग उनके सामने समस्या रखते हैं और मौके पर सड़क को दुरुस्त करने का आश्वासन देते हैं, लेकिन बाद में भूल जाते हैं। लोगों का कहना है कि बरठीं में जल शक्ति विभाग की पाइप भी अंडर ग्राउंड होनी चाहिए और पानी की निकासी की भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए।