ऋषि महाजन/इंदौरा। पौंग बांध से छोड़ा जा रहा पानी कांगड़ा जिला के फतेहपुर और इंदौरा क्षेत्र के सैकड़ों लोगों के लिए मुसीबत बना है। कई लोगों के घर उजड़ गए, लोग डरे-सहमे हैं और मासूम बच्चों की आंखों में दहशत साफ दिख रही है। ऐसे कठिन वक्त में एक तस्वीर सामने आई है। यह तस्वीर है एसडीएम इंदौरा सुरेंद्र ठाकुर की। एसडीएम आदेश देने के बजाय खुद राहत कार्यों में जुटे हैं।
एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर चप्पल पहनकर और घुटनों तक पेंट मोड़कर लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों में सक्रिय हैं। कभी वे मासूम बच्चों को गोद में उठाकर एनडीआरएफ की नाव में सुरक्षित भेजते हैं तो कभी ग्रामीणों से सीधे संवाद कर उनका हौसला बढ़ाते हैं। बच्चों को सहारा देते हुए वे कहते नज़र आए हम आपके साथ हैं। इस मानवीय पहल ने प्रभावित परिवारों को राहत और भरोसा दिया।
लगातार 24 दिन से एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर प्रभावित क्षेत्रों में डटे हुए हैं। थकान या गुस्से की जगह वे हर वक्त सहज मुस्कान और सौहार्दपूर्ण अंदाज में अपनी टीम और एनडीआरएफ कर्मियों से बात करते हैं। पल-पल की जानकारी खुद लेते हैं और हर हालात का जायजा मौके पर जाकर करते हैं। उनकी सादगी और जज़्बा देखकर लोग हैरान रह जाते हैं।
ग्रामीण रमेश कालिया और मंगल सिंह ने बताया लगातार पौंग बांध से पानी छोड़ा जा रहा है, हालात गंभीर बने हुए हैं। कई घर बह चुके हैं और लोग मवेशियों को छोड़ने को तैयार नहीं। ऐसे समय में एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर खुद पानी में उतरकर हमें सुरक्षित निकाल रहे हैं। उनकी मौजूदगी ही हमारे लिए सबसे बड़ा सहारा है।
आपदा और अफरातफरी के बीच एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर का यह जज़्बा न केवल प्रशासनिक सेवा का असली चेहरा दिखाता है, बल्कि इंसानियत की सच्ची मिसाल भी पेश करता है।